Shivaji Maharaj Jayanti: शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ की भव्य तैयारी, सरकार बनाएगी म्यूजियम
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2023: सरकार पुणे के अम्बेगांव में छत्रपति शिवाजी महाराज थीम पार्क स्थापित करने के लिए 50 करोड़ रुपये खर्च करेगी. बलिदान स्थल के लिए 270 करोड़ की मंजूरी मिली.
Shivaji Maharaj Jayanti 2023: महाराष्ट्र सरकार 350 करोड़ रुपये खर्च कर छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ बड़े पैमाने पर मनाएगी. इसके अलावा पुणे में उन्हें समर्पित एक संग्रहालय भी स्थापित करेगी. उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ( Devendra Fadnavis) ने 2 जून से शुरू होने वाले सप्ताह भर के शिव राज्याभिषेक महोत्सव समारोह के लिए बजट भाषण के दौरान कई योजनाओं की घोषणा की. हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक, मराठा योद्धा 6 जून 1674 को रायगढ़ किले में सिंहासन पर चढ़े और छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में जाने गए. शिवनेरी किला, जहां उनका जन्म हुआ था, वहां छत्रपति महाराज के जीवन और समय पर एक संग्रहालय बनाया जाएगा और उनके गौरवशाली युग के प्रमुख किलों के पुनरुद्धार और संरक्षण के लिए 300 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी.
बलिदान स्थल के लिए 270 करोड़ की मंजूरी
उप मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सरकार पुणे के अम्बेगांव में छत्रपति शिवाजी महाराज थीम पार्क स्थापित करने के लिए 50 करोड़ रुपये खर्च करेगी. मुंबई, अमरावती, नासिक, छत्रपति संभाजीनगर और नागपुर में 250 करोड़ रुपये की लागत से छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन की कहानी कहने के लिए ऑडियो-विजुअल मीडिया सुविधाओं वाले सार्वजनिक पार्क विकसित किए जाएंगे. इसके अलावा पुणे में एक तेंदुए की सफारी शुरू की जाएगी, साथ ही तुलजापुर और पुणे के शिरूर में स्वराज्य रक्षक धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज बलिदान स्थल के लिए 270 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई.
कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि बजट में मुंबई तट से दूर अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज के बहुप्रतीक्षित भव्य स्मारक के लिए कोई आवंटन नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि 24 दिसंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल पूजन करने के लिए एक नाव से गए थे, जहां राजभवन से दूर समुद्र में स्मारक की योजना बनाई गई थी, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ. इस परियोजना पर लगभग 3,600 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है.
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