Maratha Reservation: उद्धव ठाकरे ने केंद्र से की मांग, 'मराठा आरक्षण का मुद्दा सुलझाने के लिए बुलाएं संसद का विशेष सत्र'
Maratha Reservation Protest: मराठा आरक्षण की मांग के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे ने भी मनोज जरांगे पाटिल का समर्थन जताया है. उद्धव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों को कैबिनेट में मुद्दे को उठाना चाहिए.
Maharashtra News: शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने मंगलवार को केंद्र से संसद का विशेष सत्र बुलाकर मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) के मुद्दे को समाधान करने की मांग की. मुंबई में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) से ताल्लुक रखने वाले सभी केंद्रीय मंत्रियों को कैबिनेट की बैठक में आरक्षण के मुद्दे को उठाना चाहिए.
उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय मंत्रियों से अपील की कि अगर मराठा आरक्षण मांग पूरी नहीं हुई तो वे इस्तीफा दे दें. इस मुद्दे पर केंद्र को ध्यान देना चाहिए. इसका समाधान केवल लोकसभा में ही हो सकता है. शिवसेना-यूबीटी चीफ ने कहा, ''मैं यह कहता रहा हूं और मैं फिर कहता हूं कि सरकार को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए संसद का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए.''
राज्य में आरक्षण के मुद्दे पर बेचैनी- ठाकरे
शिवसेना-यूबीटी चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्य में बेचैनी है. पिछले कुछ दिनों में महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में हिंसा की घटनाएं भड़क उठीं, मराठा आरक्षण समर्थकों ने कुछ नेताओं के आवासों और दफ्तरों में तोड़फोड़ की है. बता दें कि मनोज जरांगे मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में 25 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं. उद्धव ठाकरे ने जरांगे से भी फोन पर भी बात की है. उद्धव ने जरांगे को कहा है कि वह उनके साथ हैं. ठाकरे ने उन्हें स्वास्थ्य का ध्यान रखने की अपील की है. ठाकरे ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा है कि अगर केंद्र सरकार पर इसका असर नहीं होता है तो भी राज्य के सभी 48 सांसदों को इस्तीफा दे देना चाहिए.
बता दें कि मंगलवार को मनसे चीफ राज ठाकरे ने भी जरांगे के लिए चिट्ठी लिखकर उनसे अनशन समाप्त करने की अपील की. राज ठाकरे ने 'एक्स' में पोस्ट की अपनी चिट्ठी में लिखा कि आप (जरांगे) जिस मांग के लिए अनशन कर रहे हैं सरकार का उससे कोई लेना-देना नहीं है. आप अपने अनशन समाप्त कर दें क्योंकि ऐसे झूठे और लापरवाह लोगों के लिए अपनी जान देना उचित नहीं है.