Maharashtra News: उद्धव ठाकरे गुट के नेता अंबादास दानवे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने पर महाविकास अघाड़ी के दूसरे घटक दलों पर बड़ा हमला किया है. अंबादास ने कहा कि सर्वे और लोकसभा चुनाव के नाम पर कांग्रेस किसी की सुनने को तैयार नहीं थी. उद्धव ठाकरे के नाम का मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करने की आवश्यकता थी और ऐसा होता तो वोट शेयर और बढ़ता. 


अंबादास ने कहा कि लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस शूट-पैंट सिलवाकर विधानसभा के नतीजों के बाद कौन क्या मंत्रालय देखेगा, इसका सपना देखने लगी. उन्होंने चुनाव जीतने पर ध्यान नहीं दिया. कांग्रेस के ओवर-कॉन्फिडेंस के चलते ही हम चुनाव हार गए. यह बात सही है लोकसभा में अच्छी जीत मिली, जिसके बाद ओवर कॉन्फिडेंस के चलते इसका असर कश्मीर चुनाव, हरियाणा चुनाव और महाराष्ट्र चुनाव में देखने को मिला. 


अगले चुनाव में 288 सीट पर लड़ने की करनी है तैयारी- अंबादास


उद्धव गुट के नेता ने कहा, ''शिवसेना ऐसी पार्टी है जहां हर किसी को सुना जाता है. नतीजों के बाद इसी वजह से उद्धव ठाकरे ने जीते और हारे हुए उम्मीदवारों से मिलने का तय किया था. जहां 2 हजार और 4 हजार का मार्जिन हो सकता था वहां ज्यादा हुआ. हम 96 सीटों पर लड़े थे इसका मतलब यह नहीं है कि हम पूरे महाराष्ट्र में नहीं हैं. यह भूमिका शिवसेना के कुछ नेताओं की है.''


अंबादास के बयान पर नवनीत राणा का तंज


उन्होंने आगे कहा, ''एक न एक दिन शिवसेना को अकेले के दम पर पूरे महाराष्ट्र में लड़ना है और इसके लिए अगले विधानसभा में 288 सीट पर लड़ने के लिए अभी से तैयारी करने की ज़रूरत है.'' उधर, अंबादास दानवे के बयान पर नवनीत राणा ने कहा, '' उद्धव जी जब बीजेपी के साथ थे तो उनकी कुछ सीट ज्यादा आई थी तो उनको बीजेपी नहीं पसंद थी, और अब कांग्रेस के साथ है तो कम सीट आई तो वो भी नहीं पसंद आई, उद्धव जी को न ही कम और न ही ज्यादा देने वाली पार्टी पसंद है. वो केवल खुद को मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं.''


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