Shraddha Murder Case: दिल्ली पुलिस की एक टीम ने शनिवार को महाराष्ट्र के पालघर में चार लोगों का बयान दर्ज किया. इनमें दो ऐसे व्यक्ति हैं जिनसे 27 वर्षीय श्रद्धा वालकर ने 2020 में सह-जीवन साथी (लिव-इन पार्टनर) आफताब पूनावाला द्वारा मारपीट किये जाने के बाद सहायता मांगी थी. अन्य जिन दो लोगों के बयान इस टीम ने दर्ज किए, उनमें एक मुंबई के कॉल सेंटर का पूर्व प्रबंधक है. जहां श्रद्धा काम करती थी और दूसरी उसकी एक दोस्त है.
स्थानीय पुलिस ने कहा कि आफताब पूनावाला के परिवार के सदस्य मुंबई के समीप मीरा रोड की एक इमारत से किसी अज्ञात जगह पर भाग गए हैं, और उनका पता नहीं चला है. पिछले ही महीने वे इस इमारत में रहने आए थे. दिल्ली पुलिस टीम पालघर जिले के वसई के मानिकपुर में है, जो श्रद्धा का पैतृक गांव है . दिल्ली जाने से पहले श्रद्धा और आफताब यहीं रुके थे.
पुलिस ने दर्ज किए दो गवाहों के बयान
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिन दोनों गवाहों के बयान दर्ज किए गये हैं, उनकी पहचान राहुल राय और गॉडविन के रूप में की गयी और ये दोनों वसई क्षेत्र के रहने वाले हैं. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति रिक्शा चालक है जबकि दूसरा फिलहाल बेरोजगार है. पुलिस अधिकारी के अनुसार, वसई के पास आफताब पूनावाला द्वारा 2020 में पिटाई किए जाने के बाद श्रद्धा ने इन दोनों (गवाहों) से सहायता मांगी थी और उस समय दोनों ने उसकी मदद की थी.
अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को मुंबई पहुंची दिल्ली पुलिस की चार-सदस्यीय टीम ने पहले श्रद्धा के दोस्त लक्ष्मण नादर का बयान दर्ज किया था. मीरा रोड, भयंदर, वसई विरार के एक पुलिस अधिकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने शनिवार को हाउसिंग सोसायटी के कुछ पदाधिकारियों से बातचीत की तथा पूनावाला के फ्लैट पर गयीं जो बंद था. इस बीच श्रद्धा के पिता विकास वालकर ने शनिवार को दावा किया कि वह पहले वसई में आफताब के घर पर गये थे, लेकिन उनका अपमान किया गया था और उसके परिवार के सदस्यों ने उन्हें फिर यहां नहीं आने की चेतावनी दी थी.
आफताब के लिए कठोरतम सजा
उन्होंने एबीपी माझा चैनल से कहा कि उन्हें नहीं पता चला कि कब उनकी बेटी दिल्ली चली गई, जहां इस साल मई में उसकी हत्या कर दी गयी. उन्होंने श्रद्धा के लिए इंसाफ तथा इस नृशंस अपराध को लेकर आफताब के लिए कठोरतम सजा की मांग की.
दिल्ली पुलिस ने भेजी टीम
दिल्ली पुलिस के अनुसार, पूनावाला ने कथित तौर पर 18 मई को श्रद्धा का गला घोंट दिया था और उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए थे, जिसे उसने दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक फ्रिज में रखा था और कई दिनों तक आधी रात को शहर भर में फेंकता रहा था. दिल्ली पुलिस ने मामले में साक्ष्य की तलाश के लिए शुक्रवार को महाराष्ट्र, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में अपनी टीम भेजी थी. अधिकारियों ने गुरुग्राम में शरीर के कुछ अंग बरामद किये थे.