Sindhudurg Shivaji Maharaj Statue: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर एकनाथ शिंदे की सरकार विपक्ष के निशाने पर है. इस बीच सरकार में शामिल अजित पवार की पार्टी एनसीपी ने इसके खिलाफ मौन प्रदर्शन किया. एनसीपी ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. 


राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के इस चौंकाने वाले कदम पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम सब मिलकर काम कर रहे हैं. सीएम ने कहा, ''अजित पवार ने कल माफी मांगी थी. मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि शिवसेना, BJP या अजित पवार हैं...हम सब महायुति में एकसाथ काम करते हैं. शिवाजी महाराज हमारे लिए राजनीति का विषय नहीं हो सकते. इसलिए इस मामले में राजनीति करने की बजाय शिवाजी महाराज का भव्य पुतला कैसे बने इसके लिए प्रयास करें.''


सीएम ने मांगी माफी
साथ ही सीएम ने प्रतिमा के टूटने पर माफी मांगी. उन्होंने कहा कि विपक्ष से विनती है कि शिवाजी महाराज का विषय राजनीति करने के लिए नहीं है, शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं. उनके पैर पर 10 बार नहीं 100 बार झुककर माफी मांगूंगा. 


महाराष्ट्र में सामने चुनाव हैं और छत्रपति शिवाजी महाराज का मुद्दा मराठी गौरव से जुड़ा है, इसलिए अजित गुट कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है. हालांकि विपक्षी पार्टियां इसे दिखावा बता रही है.


राज्यभर में प्रदर्शन करने वाले एनसीपी कार्यकर्ताओं ने तहसीलदारों और जिलाधिकारियों को एक ज्ञापन भी सौंपा और प्रतिमा की खराब गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार कलाकार और अन्य लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.


एनसीपी का विरोध इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि पार्टी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के तीन घटक दलों में से एक है और मूर्ति के गिरने से उत्पन्न भारी आक्रोश के बीच संभावित राजनीतिक परिणामों पर विचार कर रही है.


क्यों किया विरोध प्रदर्शन?
नांदेड़ में अजित पवार की जनसम्मान यात्रा के दौरान राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर जाना दुखद है और उनकी पार्टी ने घटना के खिलाफ प्रदर्शन करने का फैसला किया है क्योंकि सभी को ऐसा करने का अधिकार है. 


उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में सभी को आंदोलन का अधिकार है. मालवण में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है. हम इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.’’ 


सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील में राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई थी. इसका अनावरण करीब नौ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.  यह घटना एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुकी है और विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) ने इसे लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर निशाना साधा है.


विपक्षी नेताओं ने बुधवार को घोषणा की कि प्रतिमा ढहने की घटना के खिलाफ एमवीए एक सितंबर को मुंबई में मार्च निकालेगी.


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