नासिक की एक केमिकल फैक्ट्री में रविवार को आग लग गई थी. आग लगने के करीब 24 घंटे बाद भी वहां से धुएं का गुबार उठ रहा है. इस आग में जलकर दो महिलाओं की मौत हो गई थी. आग कमेकिल फैक्ट्री के ब्वॉयलर में विस्फोट के बाद लगी थी. इस आग में 17 लोग झुलस गए थे.राज्य सरकार ने आग लगने के सही कारण का पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिया है. 


कहां और कब लगी आग


अधिकारियों ने बताया कि यह घटना इगतपुरी तालुका में मुंबई-आगरा राजमार्ग के किनारे मुंढेगांव स्थित जिंदल पॉली फिल्म्स कंपनी में पूर्वाह्न लगभग साढ़े 11 बजे हुई. उन्होंने बताया कि विस्फोट इतना जोरदार था कि इसकी आवाज आसपास के गांवों में भी सुनाई दी. आग और धुआं दूर से ही देखा जा सकता था.






महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और नासिक के अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की थी. वहीं नासिक पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से पांच लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. इसके अलावा घायलों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा दी जाएगी.


मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया दौरा


घटना की खबर आने के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने राहत और बचाव के काम के लिए वायु सेना स्टेशन से एक हेलीकॉप्टर का मांग की थी. इसके बाद एक हेलीकॉप्टर और सेना के जवान मौके पर पहुंचे थे.हालांकि एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हेलीकॉप्टर का उपयोग नहीं किया गया क्योंकि स्थिति बदल गई. अधिकारी ने इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी थी. 


कैसे लगी आग


एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि आग लगने की वास्तविक वजह की जानकारी नहीं है, लेकिन ऐसा लगता है कि आग ब्वॉयलर से नहीं लगी है.महाराष्ट्र सरकार की निकाय स्टीम ब्वॉयलर निदेशालय के निदेशक धवल अंतापुरकर ने कहा कि इगतपुरी स्थित जिंदल पॉली फिल्म्स की पांच में से तीन ब्वॉयलर वेस्ट हिट रिकवरी या थर्मिक फ्यूड पर चलने वाली थे.इनमें भाप बनाने के लिए ज्वलशील पदार्थ का इस्तेमाल नहीं होता है.उन्होंने कहा था कि बाकी दो ब्वॉयलर छोटे औद्योगिक ब्वॉयलर हैं जिसका मतलब है कि संयंत्र के भीतर आग लगने की बहुत आशंका होती है. 


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