Mumbai News: महाराष्ट्र में मॉनसून के कारण अब तक 343 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से 20 प्रतिशत लोगों की मौत केवल आसमानी बिजली गिरने से हुई है. मध्य और उत्तरी महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में बिजली गिरने के मामले सामने आए हैं. सबसे ज्यादा 192 मौतें विदर्भ के 11 जिलों में हुई हैं, जिसमें से नागपुर में सबसे अधिक 35 मौतें हुई हैं. मराठवाड़ा के आठ जिलों में 61 मौतें, जबकि उत्तरी महाराष्ट्र में 41 लोगों की मौत हुई है. वहीं कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र में सबसे कम मौतें हुई हैं.
बिजली गिरने और बाढ़ से हुईं ज्यादातर मौतें
राहत एवं पुनर्वास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर मौतें बाढ़ या बिजली गिरने से हुई हैं. उन्होंने कहा कि बिजली गिरने 70 लोगों की जान गई है, इनमें से ज्यादातर मामले मराठावाड़ा, विदर्भ और उत्तर महाराष्ट्र के हैं. उन्होंने कहा कि लोगों के बीज जागरूकता फैलाकर और कुछ आवश्यक कदम उठाकर बिजली गिरने से हुईं मौतों के आंकड़े में कमी लाई जा सकती थी.
सही जगह नहीं लगाए गए अरेस्टर
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों में पुणे, गढ़चिरौली और चंद्रपुर जिलों में 4500 अरेस्टर लगाए हैं, हालांकि इन जिलों में बिजली गिरने की संभावना मध्य महाराष्ट्र की तुलना में कम होती है. उन्होंने कहा कि जो अरेस्टर लगाए गए हैं वह खराब क्वालिटी के हैं और 70 मीटर के दायरे को कवर करते हैं. इन्हें लगाने से शायद कोई फायदा नहीं होगा.
महाराष्ट्र में आज भी जारी हुआ येलो अलर्ट
उन्होंने कहा कि उत्तर महाराष्ट्र में नंदुरबार, जलगांव, धुले, मराठवाड़ा में नांदेड़, बीड, हिंगोली, लातूर, उस्मानाबाद और विदर्भ में अमरावती, वाशिम, चंद्रपुर में बिजली गिरने की संभावना अधिक रहती है. बता दें कि लाइटिंग अरेस्टर एक ऐसी डिवाइस होती है जो बिजली से होने वाले संभावित नुकसान के विरुद्ध कार्य करती है. वहीं, राजस्थान के अधिकतर जिलों में आज येलो अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि मुंबई में अगेल तीन दिनों तक बारिश होने की संभावना बेहद कम है.
5860 जानवरों की भी गई जान
इंसानों के अलावा जानवरों पर भी बारिश का कहर टूटा है. राज्य में बारिश के कारण अब तक 5860 जानवरों मौत हो चुकी है. इसके अलवा बाढ़ से लगभग 14.50 लाख हेक्टेयर फसल भी नष्ट हो गई है. राज्य सरकार ने बारिश से प्रभावित 36 लाख किसानों को मुआवजा देने के लिए 4500 करोड़ रुपये जारी किए हैं.
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