(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra News: मार्च में कोरोना से महाराष्ट्र में इतने लोगों ने गंवाई जान, यहां जानें आंकड़े
Maharashtra Corona Update: कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से अब तक इस साल मार्च में महाराष्ट्र में इसके चलते सबसे कम मौतें दर्ज की गई हैं.
Maharashtra Corona Update: कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से अब तक इस साल मार्च में महाराष्ट्र में इसके चलते सबसे कम मौतें दर्ज की गई हैं. मार्च के अंत तक मुंबई में पांच से कम और राज्य में 100 से कम मृत्यु दर्ज की गई. ये महामारी के पहले महीने के बाद से सबसे कम है. पिछले दो वर्षों में 1.47 लाख से अधिक कोविड मौतों के साथ सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक, महाराष्ट्र में इस महीने नौ दिन ऐसे भी रहे जब एक भी कोरोना संक्रमित की मौत नहीं हुई.
मार्च में शहर में चार मौतें और 1,519 मामले दर्ज किए गए, जबकि फरवरी में 9,882 मामले और 68 मौतें हुईं. बीएमसी की रिपोर्टों से पता चला है कि मार्च में सभी चार मौतें 60 से ऊपर की महिलाओं में कॉमरेडिडिटी से हुई थीं. जनवरी में तीसरी लहर के चरम पर, मुंबई में 247 मौतें और चौंका देने वाले 2.6 लाख मामले दर्ज किए गए थे. बीएमसी प्रशासक आईएस चहल ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, "मैं आशा और प्रार्थना करता हूं कि यह मुंबई में कोरोनावायरस महामारी का अंत हो."
पिछले महीनों की तुलना में दर्ज की भारी गिरावट
यहां तक कि राज्य में भी पिछले दो महीनों की तुलना में मामलों और मौतों में भारी गिरावट देखी गई है. सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की दैनिक रिपोर्टों के अनुसार, मार्च में 77 कोविड संक्रमितों की जान गई और 8,319 मामले सामने आए.
जनवरी में, राज्य ने 10.4 लाख मामले और 1,085 मौतें दर्ज की थीं. फरवरी में यह 1.4 लाख मामले और 1,090 घातक थे. जनवरी में जहां मामले की मृत्यु दर (सीएफआर) घटकर 0.1% हो गई, वहीं फरवरी में यह बढ़कर 0.7% और मार्च में 0.9% कम सकारात्मक मामलों के कारण हो गई.
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ प्रदीप व्यास ने कहा कि मासिक सीएफआर मौतों की तुलना निरपेक्ष संख्या से अधिक तर्कसंगत तरीका होगा. राज्य के अधिकारियों ने कहा कि पिछली बार मार्च 2020 (31) में एक महीने में 100 से कम मौतें हुई थीं. महामारी के सबसे बुरे दौर में, राज्य ने एक महीने में लगभग 29,000 लोगों की मौत की सूचना दी थी, जबकि शहर में लगभग 2,500 मौतें हुई थीं.
जहां मुंबई में पहली लहर में सबसे ज्यादा मौतें हुईं, वहीं दूसरी लहर में महाराष्ट्र ने सबसे खराब स्थिति देखी. चिकित्सक डॉ राजस वालिंजकर ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने की बात तो छोड़िए, मार्च में हल्के लक्षणों वाले लोगों की संख्या भी कम थी. अधिकांश आईसीयू ने महीने में एक भी कोविड का प्रवेश नहीं देखा है.
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