Maharashtra Latest News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के एक विधायक ने महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड (MSBW) से आग्रह किया है कि वक्फ संस्थानों की सुनवाई अध्यक्ष के कमरे में करने के बजाय सार्वजनिक रूप से की जाए. भिवंडी (पूर्व) से सपा विधायक रईस शेख (Rais Shaikh) ने रविवार को बताया कि उन्होंने 184 वक्फ संस्थानों की सुनवाई के संबंध में एमएसबीडब्ल्यू को चिट्ठी लिखी है.


रईस शेख ने पत्र में बताया कि राज्य में वक्फ की 27,000 संपत्तियों में से 11,000 संपत्तियों को वैध घोषित किया गया था. उन्होंने बताया कि 2022 में सर्वोच्च न्यायलय ने अपने फैसला में कहा था कि एमएसडब्ल्यूबी को छह महीने के भीतर वक्फ से संबंधित संपत्तियों की सुनवाई करनी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि 184 वक्फ संस्थानों की सुनवाई एमएसबीडब्ल्यू के अध्यक्ष समीर काजी के कक्ष में की जा रही थी.


सार्वजनिक रूप से हो सुनवाई- रईस शेख
विधायक ने पत्र में अनुरोध किया कि, ‘‘वक्फ संपत्तियां मुस्लिम समुदाय की हैं और उन्हें इसके बारे में जानने का अधिकार है. इसलिए सुनवाई अध्यक्ष के कक्ष के करने के बजाय सार्वजनिक रूप से की जानी चाहिए.’’ केंद्र सरकार ने 1995 में वक्फ अधिनियम पारित किया था जिससे राज्य वक्फ बोर्डों को वक्फ संपत्तियों की घोषणा करने का अधिकार दिया गया था.


संसद में पेश हुआ है वक्फ संशोधन अधिनियम
बता दें कि केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 संसद में पेश किया है जिसे अब जेपीसी के पास भेज दिया गया है. इस विधेयक में कई तरह के प्रावधानों को शामिल किया जाएगा.  इसके तहत अब जिला कलेक्टर को अधिकार दिया जाएगा जो इस बात की जांच कर सके कि कोई संपत्ति वक्फ की है या सरकारी जमीन है. किसी विवाद का स्थिति में वक्फ ट्रिब्यूनल में फैसला नहीं होगा बल्कि कलेक्टर फैसला लेंगे. पहले के अधिनियम में फैसला वक्फ ट्रिब्यूनल लेता था. इसके साथ ही वक्फ बोर्डों में कम से कम दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को नियुक्ति का भी प्रस्ताव रखा गया है.


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