Maharashtra: कम नहीं हो रहीं संजय राउत की मुश्किलें, अब इस मामले में कोर्ट ने जारी किया समन
Maharashtra News: संजय राउत ने 30 मार्च 2018 को बेलगांव में महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिया था. कोर्ट ने संजय राउत को 1 दिसंबर को कोर्ट में हाजिर होने को कहा है.
Mumbai News: शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पात्रा चॉल घोटाला मामले में जमानत पर बाहर आए राउत पर अब महाराष्ट्र- कर्नाटक सीमा विवाद (Maharashtra-Karnataka Border Dispute ) को लेकर कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर मार्च 2018 में विवादित बयान देने के मामले में कर्नाटक की बेलगांव कोर्ट (Belgaum Court) ने शिवसेना सांसद संजय राउत को समन जारी किया है.
कोर्ट ने ठाकरे गुट के नेता संजय राउत को 1 दिसंबर को कोर्ट में हाजिर होने को कहा है. बता दें कि संजय राउत ने 30 मार्च 2018 को बेलगांव में महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर भड़काऊ भाषण दिया था.
महाराष्ट्र सरकार ने सीमा विवाद सुलझाने के प्रयास किये तेज
इस बीच महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई तीन दिसंबर को बेलगाम में मध्यवर्ती महाराष्ट्र एकीकरण समिति के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और कर्नाटक के साथ दशकों पुराने सीमा विवाद पर उनसे बातचीत करेंगे. दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पर अदालती मामले के संबंध में कानूनी टीम के साथ समन्वय करने के लिए पाटिल और देसाई को सीमा विवाद के वास्ते समन्वय मंत्री बनाया गया है.
चर्चा से निश्चित रूप से एक रास्ता निकलेगा- पाटिल
पाटिल ने ट्विटर पर कहा कि मध्यवर्ती महाराष्ट्र एकीकरण समिति की ओर से सीमा मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की गई थी. मंत्री ने समिति के एक पत्र के साथ ट्वीट किया, ‘‘इसके अनुसार समन्वय मंत्री शंभुराज देसाई और मैं तीन दिसंबर को बेलगाम का दौरा करेंगे और चर्चा करेंगे. चलिए मुलाकात करते हैं. चर्चा से निश्चित रूप से एक रास्ता निकलेगा.’’ हाल के एक सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, मंत्री उस समिति के साथ समन्वय के लिए जिम्मेदार होंगे जो कर्नाटक में मराठी भाषी क्षेत्रों का राज्य के साथ विलय चाहती हैं. प्रस्ताव में कहा गया है कि पाटिल और देसाई कर्नाटक के उन 865 गांवों के निवासियों की समस्याओं पर भी गौर करेंगे. पाटिल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता हैं, जबकि देसाई शिवसेना के बालासाहेबंची शिवसेना गुट के सदस्य हैं. दोनों पश्चिमी महाराष्ट्र के निवासी हैं.
क्या है विवाद?
महाराष्ट्र 1960 में अपनी स्थापना के बाद से, कर्नाटक के साथ बेलगाम (जिसे बेलगावी भी कहा जाता है) जिले और 80 अन्य मराठी भाषी गांवों को लेकर विवाद में उलझा हुआ है. बेलगाम और ये गांव कर्नाटक में हैं.
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