Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल बढ़ती जा रही है. इस बीच एनसीपी नेता सुनील तटकरे ने महाविकास अघाड़ी के नेताओं पर हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शरद पवार और उद्धव ठाकरे राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को निशाना बना रहे हैं. 


एबीपी माझा के मुताबिक सुनील तटकरे ने आगे कहा, ''लोकसभा के नतीजों के बाद अजित दादा महायुति के कई नेताओं के निशाने पर थे, लेकिन बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का मानना ​​है कि अजित दादा की वजह से लोकसभा में कोई नुकसान नहीं हुआ." 


एनसीपी नेता ने ये भी कहा कि चूंकि 2014 में हम बीजेपी के साथ गठबंधन पर चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा, ''जब मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व में महागठबंधन के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया गया है तो CM पद के चेहरे पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.'' 


तटकरे ने विश्वास जताया कि लोकसभा के समय की तस्वीर विधानसभा में नहीं होगी, महागठबंधन को अच्छे नंबर मिलेंगे. सीट बंटवारे पर बात करते हुए सुनील तटकरे ने कहा कि सीट बंटवारे की मूल चर्चा मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम के स्तर पर हो चुकी है. यह एक मोटे तौर पर नियम है कि जो भी विधायक होगा उसे एक सीट मिलेगी, लेकिन स्थानीय गणित को देखते हुए, कुछ सीटों पर कोई अलग सोच सकता है.


विधान परिषद से कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास बढ़ा


यह कहते हुए कि लोकसभा के नतीजों के बाद महायुति विधानसभा के लिए अलग रणनीति बना रही है, तटकरे ने कहा कि लोकसभा के बाद कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का काम चल रहा है. विधान परिषद का नतीजा पार्टी के विधायकों और कार्यकर्ताओं के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाला रहा. परिषद चुनाव में विपक्ष की फर्जी कहानी काम नहीं आई. एनसीपी के सभी विधायक एक साथ रहे, साथ ही विपक्ष के 7 विधायकों का वोट भी हमें मिला. 


मुसलमानों की राय बंटी हुई थी?


लोकसभा के नतीजों पर बोलते हुए सुनील तटकरे ने कहा कि लोकसभा में दलित, मुस्लिम और आदिवासी वोट महागठबंधन से दूर रहे. 40 साल के जुड़ाव के बावजूद लोकसभा में मेरे क्षेत्र तक को मुस्लिम वोट नहीं मिले. मराठा आरक्षण के प्रश्न से मराठवाड़ा प्रभावित हुआ. विपक्ष के पास भी आरक्षण पर कोई जवाब नहीं है, इसलिए वे कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाते. 


बारामती में अजित पवार ही चुने जाएंगे- तटकरे


उन्होंने यह भी कहा कि यह कहना गलत होगा कि एनसीपी को साथ लेने से बीजेपी या महागठबंधन को नुकसान हुआ. बारामती विधानसभा चुनाव के बारे में बात करते हुए तटकरे ने कहा कि बारामती में अजित दादा का काम बोलता है, विधानसभा के सामने चाहे कोई भी खड़ा हो, दादा ही चुने जाएंगे. बारामती में जो भी भावनात्मक वोटिंग थी वो लोकसभा में हुई. अब जनता दादा के विकास कार्यों पर वोट करेगी. 


विपक्ष के निशाने पर फडणवीस और अजित पवार-तटकरे


सुनील तटकरे ने कहा कि विधानसभा चुनाव में विपक्ष के निशाने पर देवेन्द्र फडणवीस और अजित पवार होंगे. उन्होंने कहा कि लोकसभा में बीजेपी का समर्थन मिला, बारामती में शिवसेना और सहयोगी दलों ने भी सहयोग किया. अगर उद्धव ठाकरे-शरद पवार का टारगेट नंबर एक फडणवीस हैं तो इसमें कोई शक नहीं कि उनका टारगेट नंबर दो अजित दादा हैं. राजनीति का स्तर गिर गया है. यह सभ्य महाराष्ट्र की संस्कृति को बदनाम कर रहे हैं.


ये भी पढ़ें:


उद्धव गुट के MP राजाभाऊ वाजे का आलोचकों को जवाब, संसद में अंग्रेजी में दिया भाषण