Maharashtra Government on Bullock Cart Races: महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बैलगाड़ी दौड़ को मंजूरी देने वाले संशोधित कानून की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखने के फैसले का गुरूवार को स्वागत किया और कहा कि वह बैलगाड़ी दौड़ आयोजित करने के लिए सभी प्रकार से सहयोग देगी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक के उन संशोधन कानूनों की वैधता बरकरार रखी, जिनके तहत क्रमश: सांडों पर काबू पाने से जुड़े खेल ‘जल्लीकट्टू’, बैलगाड़ी दौड़ और भैंसों की दौड़ से संबंधित खेल ‘कंबाला’ को मंजूरी दी गई थी.


मंत्री शंभुराज देसाई ने किया फैसले का स्वागत
महाराष्ट्र के आबकारी मंत्री शंभुराज देसाई ने निर्णय का स्वागत किया. देसाई ने कहा, ‘‘ हम बैलगाड़ी दौड़ आयोजित करने के लिए सभी सहयोग देंगे.’’ उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि संशोधन अधिनियम तब पारित हुआ था जब वह मुख्यमंत्री थे. उन्होंने कहा,‘‘ हम इस बात से बेहद प्रसन्न हैं कि जब मैं राज्य का मुख्यमंत्री था तब लागू किया गया संशोधन अधिनियम तथा अदालतमें पेश की गई रिपोर्ट कि बैल दौड़ने वाला जीव है को शीर्ष अदालत ने बरकरार रखा है. इससे राज्य भर में बैलगाड़ी दौड़ आयोजित करने का रास्ता साफ हुआ है.’’


क्या बोले देवेंद्र फडणवीस?
फडणवीस ने कहा कि बीजेपी के विधायक महेश और पार्टी के विधान परिषद सदस्य गोपीचंद पडलकर ने कानूनी विजय सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए. राज्य के राजस्व और पशुपालन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसानों की जीत है. उन्होंने एक बयान में कहा कि दौड़ दोबारा शुरू करने के लिए 12 वर्ष पहले कानूनी लड़ाई शुरू की गई थी. राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने इसमें अहम भूमिका निभाई है. मंत्री ने कहा कि बैलगाड़ी दौड़ ग्रामीण इलाके के लोगों की भावनाओं से जुड़ा है और यह रोजगार पैदा करने वाली पहल है. इस दौड़ पर 2011 में प्रतिबंध लगा दिया गया था.


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