Delhi News: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शिवसेना (ShivSena) के चुनाव चिह्न पर मंगलवार को सुनवाई करेगा. शिव सेना के उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट ने इस मामले में चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट इस पर आज कोई आदेश दे सकता है. सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने इस मामले में पिछली सुनवाई सात सितंबर को की थी.एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की बगावत के बाद शिव सेना दो गुटों में बंट गई है.दोनों गुट पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह पर अपना दावा कर रहे हैं.


एकनाथ शिंदे की बगावत 


एकनाथ शिंदे की बगावत और तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद कई याचिकाएं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं. इनमें शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता,एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए राज्यपाल की ओर से मिले निमंत्रण,नए स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया और पार्टी पर अधिकार जैसे मामले हैं.उधर, चुनाव आयोग एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना पर दावे को लेकर सुनवाई कर रहा है. उद्धव ठाकरे गुट चुनाव आयोग की इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग कर रहा है. वहीं शिंदे गुट कार्रवाई रोके जाने की मांग का विरोध कर रहा है. उसका कहना है कि आयोग अपना संवैधानिक दायित्व निभा रहा है. इसी मांग पर आज सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला सुना सकता है. 


सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने 23 अगस्त को इस मामले को पांच जजों की बेंच को सौंप दिया था.अदालत ने कहा था कि सबसे पहले संविधान पीठ यही तय करेगी कि शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर दोनों गुटों के दावे पर चुनाव आयोग अपनी कार्रवाई जारी रखे या नहीं.अदालत के आदेश पर फिलहाल चुनाव आयोग ने अपनी कार्रवाई रोकी हुई है.


पिछली सुनवाई में क्या बोले थे जज


सात सितंबर को हुई पिछली सुनवाई में बेंच के सदस्य जस्टिस एमआर शाह ने कहा था,"आप लोग अपनी ऊर्जा 27 सितंबर के लिए बचा कर रखें." वहीं बेंच के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था, "सभी लोग दो-दो पन्ने की संक्षिप्त दलीलें जमा करवाएं.अगली सुनवाई में कोशिश की जाएगी कि इस मसले को हल कर दिया जाए."ट


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