(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Eknath Shinde: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद शिंदे गुट को घेरने की तैयारी! अब कांग्रेस नेता ने कर दी ये बड़ी मांग
Supreme Court on Maharashtra Government: नाना पटोले ने शिंदे-फडणवीस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, उन्होंने सत्ता में बने रहने का अधिकार खो दिया. उनकी निष्क्रियता के कारण धार्मिक विवाद हाथ से निकल रहे.
Nana Patole on Eknath Shinde: सुप्रीम कोर्ट द्वारा महाराष्ट्र सरकार को नफरत फैलाने वाले भाषणों पर लगाम लगाने में विफल रहने पर 'नपुंसक' बताने वाली टिप्पणी के एक दिन बाद राज्य कांग्रेस ने गुरुवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग की. राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, शिंदे सरकार ने पिछले नौ महीनों में महाराष्ट्र की छवि को बड़ा झटका दिया है. कुछ संगठनों के भड़काऊ भाषणों के कारण सांप्रदायिक दंगे बढ़ रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
उन्होंने कहा- अब, शीर्ष अदालत ने भी राज्य सरकार को नपुंसक और शक्तिहीन कहकर अपना गुस्सा व्यक्त किया है क्योंकि यह तुरंत कार्रवाई नहीं करती है, और पूछा है कि अगर यह चुप रहती है तो हमारे पास राज्य क्यों है.
नाना पटोले की मांग?
पटोले ने मांग की- यह सीएम शिंदे, उपमुख्यमंत्री फडणवीस सरकार पर बड़ा तमाचा है और उन्होंने सत्ता में बने रहने का अधिकार खो दिया है. उनकी निष्क्रियता के कारण धार्मिक विवाद हाथ से निकल रहे हैं. उन्हें तुरंत पद छोड़ देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी का समर्थन करते हुए, उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और सत्तारूढ़ शिवसेना-बीजेपी के सांसद और विधायक खुले तौर पर लोगों और विपक्षी नेताओं को धमकाते हैं.
फडणवीस पर लगाए ये आरोप
पटोले ने कहा- कुख्यात सट्टेबाज के परिवार की गृह मंत्री (फडणवीस) के आवास में खुली पहुंच है, लेकिन वह इससे अनजान है, निर्वाचित नेताओं, पूर्व मंत्रियों और विधायकों को राज्य में धमकी दी जा रही है और उन पर हमला किया जा रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है. सत्ता पक्ष के एक विधायक ने गोली चलाई लेकिन वह पुलिस कार्रवाई से बच गया.
सकल हिंदू समाज (एसएचएस) की हाल की रैलियों का जिक्र करते हुए, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना गुस्सा प्रकट किया, उन्होंने कहा कि वह बेहद उत्तेजक और भड़काऊ बयान दे रहे हैं, जिसने सामाजिक शांति के लिए खतरा पैदा किया है. उन्होंने कहा कि कुछ संगठनों ने विरोध किया है और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन कानून लागू करने वालों के हाथ बंधे हुए हैं क्योंकि सरकार खुले तौर पर कट्टरपंथी समूह का समर्थन कर रही है.
पटोले ने कहा कि सरकार से ऐसे समूहों पर अंकुश लगाने की उम्मीद की जाती है लेकिन इसमें इच्छाशक्ति की कमी है जो इन संगठनों को पनपने देता है, और दुनिया के सामने मुंबई और महाराष्ट्र की निष्पक्ष छवि को धूमिल करता है. पटोले ने कहा, शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार के लिए जिस शब्द (नपुंसक) का इस्तेमाल किया है, वह आज तक किसी भी सरकार के लिए नहीं हुआ.. यह खुद दिखाता है कि स्थिति कितनी गंभीर है.