Nawab Malik Bail: सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को छह महीने की अतिरिक्त अंतरिम मेडिकल जमानत दे दी है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू द्वारा प्रस्तुत प्रवर्तन निदेशालय के यह कहने के बाद कि एजेंसी को कोई आपत्ति नहीं है, न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल ने मेडिकल जमानत बढ़ा दी. यह विस्तार शीर्ष अदालत द्वारा पिछले साल अक्टूबर में तीन महीने की मेडिकल जमानत देने के बाद आया है. इससे पहले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता मलिक को 11 अगस्त को दो महीने की जमानत मिली थी.


स्वास्थ्य कारणों का दिया हवाला
64 साल के नवाब मलिक को 23 फरवरी, 2022 को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था. यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा दर्ज किया गया था. मलिक ने क्रोनिक किडनी रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए शुरू में उच्च न्यायालय से राहत मांगी थी. उन्होंने योग्यता के आधार पर जमानत की भी मांग की.


नवाब मलिक पर क्या है आरोप?
ईडी ने मलिक को इस आरोप में गिरफ्तार किया था कि उन्होंने कुछ संपत्ति बाजार मूल्य से कम कीमत पर खरीदी थी. मई 2022 में एक विशेष पीएमएलए अदालत द्वारा आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद, मलिक ने नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की थी. 30 नवंबर, 2022 को मुंबई की विशेष अदालत द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज करने के बाद मलिक ने बाद में उच्च न्यायालय का रुख किया. उच्च न्यायालय ने जुलाई 2023 में अंतरिम चिकित्सा जमानत के लिए मलिक की याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष तत्काल अपील की गई. अगस्त 2023 में शीर्ष अदालत ने मलिक को दो महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी.


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