SC On Maharashtra Local Body Election: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को राज्य में स्थानीय निकायों की चुनाव प्रक्रिया के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया. मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें शीर्ष न्यायालय के एक आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया गया है. इस आदेश में न्यायालय ने एसईसी को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण देने के लिए 367 स्थानीय निकायों में चुनाव प्रक्रिया को फिर से अधिसूचित न करने का निर्देश दिया था, जहां पहले ही चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
अदालत का यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश
सुनवाई की शुरुआत में सीजेआई ने कहा कि इस मामले पर व्यापक सुनवाई की आवश्यकता है और वह इसके अंतिम निस्तारण के लिए अलग से एक विशेष पीठ का गठन करेंगे. शीर्ष न्यायालय ने आदेश में कहा, ‘‘हमने वकीलों की दलीलें सुनी हैं. मामले पर व्यापक सुनवाई की आवश्यकता है. इसे देखते हुए हम पक्षकारों को यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश देते हैं. मामले को पांच हफ्ते बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें. एक विशेष पीठ का गठन किया जाएगा.’’
सरकार लाई थी निकाय चुनावों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का अध्यादेश
गौरतलब है कि राज्य सरकार स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए एक अध्यादेश लेकर आयी थी. इसके बाद सरकार ने उच्चतम न्यायालय का रुख करते हुए उससे अपना आदेश वापस लेने या उसमें संशोधन करने का अनुरोध किया था. इस आदेश में न्यायालय ने एसईसी को ओबीसी को आरक्षण देने के लिए स्थानीय निकायों में चुनाव प्रक्रिया को फिर से अधिसूचित न करने का निर्देश दिया था, जहां पहले ही चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गयी है. शीर्ष न्यायालय सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनने के बाद राज्य सरकार की नयी याचिका पर सुनवाई करने के लिए राजी हो गया.
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