(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
शिवसेना विधायकों की अयोग्यता केस की सुनवाई में देरी के आरोप पर राहुल नार्वेकर की पहली प्रतिक्रिया, जानिए क्या कहा?
Rahul Narwekar Statement: शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में सुनवाई में देरी के आरोप पर राहुल नार्वेकर की प्रतिक्रिया सामने आई है. जानिए विधानसभा अध्यक्ष ने क्या कुछ कहा है.
Supreme Court on Shiv Sena MLAs: एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों की अयोग्यता में देरी के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के कामकाज पर जताई नाराजगी. उधर, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा है कि उन्होंने अयोग्यता की सुनवाई में कोई देरी नहीं की. नार्वेकर ने यह भी साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने के बाद हम अपना आधिकारिक पक्ष रखेंगे.
क्या बोले राहुल नार्वेकर?
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अपनी स्थिति स्पष्ट की. विधायक अयोग्यता की सुनवाई में कोई देरी नहीं होगी. कानूनी प्रक्रिया नियमानुसार होगी. मूलतः कोर्ट ने आज क्या कहा, इसकी कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि वह कोर्ट का आदेश पढ़ने के बाद अपना आधिकारिक पक्ष रखेंगे.
सब कुछ नियमों के मुताबिक होगा
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने आगे कहा कि विधायकों को अयोग्य ठहराने में कितना समय लगेगा, यह कहना संभव नहीं है. लेकिन जो नियमानुसार होगा वही किया जाएगा. ठाकरे ग्रुप के सुनील प्रभु, अजय चौधरी दस्तावेजों का सत्यापन कर रहे हैं. नार्वेकर ने यह भी कहा कि यह उनका अधिकार है और उन्हें इसकी पुष्टि करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि विधानमंडल में हर चीज की नियमानुसार जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
हमने विधायकों की अयोग्यता के संबंध में निर्देश देते समय तीन महीने की सीमा नहीं रखी. हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारेवेकर को चेतावनी दी कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सम्मान किया जाना चाहिए. साथ ही इस संबंध में अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी.
कोर्ट ने राहुल नार्वेकर से कहा कि भले ही हमने तीन महीने की मोहलत नहीं दी, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि विधानसभा स्पीकर पर कोर्ट की अवमानना हो. कोर्ट ने राहुल नार्वेकर से पूछा कि वह इस मामले की सुनवाई में देरी क्यों कर रहे हैं.
राष्ट्रपति को विधायकों की अयोग्यता के संबंध में निर्देश देते हुए अगली दो सुनवाई से पहले की गई सटीक कार्रवाई की जानकारी देनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि कोई भी व्यक्ति अनिश्चित काल तक काम नहीं कर सकता, ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष को शेड्यूल देना होगा कि वह कितने समय तक काम करेंगे.
ये भी पढ़ें: शिवसेना का केंद्र और महाराष्ट्र सरकार पर बड़ा हमला, सामना में कहा- उनको ‘इंडिया नहीं भारत’ की हिचकी आ रही