SC To Hear Matters Related To Maharashtra Political Crisis: उच्च्तम न्यायालय (Supreme Court), महाराष्ट्र (Maharashtra) के हालिया राजनीतिक संकट से संबंधित विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई 20 जुलाई को करेगा. इस संकट के कारण महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी के कई विधायकों ने बगावत कर दी थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 29 जून को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. एक दिन बाद बागी गुट ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.


पांच याचिकाओं पर होनी है सुनवाई


प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की खंडपीठ ने राजनीतिक संकट से जुड़ी पांच याचिकाओं की सुनवाई के लिए बुधवार की तारीख तय की है. न्यायालय ने गत 11 जुलाई को उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों को अंतरिम राहत देते हुए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारवेकर को इन विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने की शिंदे गुट की मांग पर फिलहाल कोई कदम न उठाने का निर्देश दिया था. इन पांच याचिकाओं में सबसे पहली याचिका शिंदे गुट ने ग्रीष्मावकाश के दौरान दायर की थी और तत्कालीन उपाध्यक्ष द्वारा अयोग्यता की कार्यवाही शुरू करने को चुनौती दी थी.


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शिवसेना नेता ने उठाई यह मांग


इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने मांग उठायी है कि पार्टी के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध करने वाली याचिका पर जब तक उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ का फैसला नहीं आ जाता तब तक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए. राउत ने एकनाथ शिंदे की सरकार के नए मंत्रिमंडल के गठन में हो रही देरी की भी आलोचना की. उन्होंने ट्वीट किया, “बारबाडोस की जनसंख्या ढाई लाख है और वहां के मंत्रिमंडल में 27 सदस्य हैं. महाराष्ट्र की 12 करोड़ आबादी को दो लोगों का मंत्रिमंडल मनमाने ढंग से चला रहा है. संविधान का मान कहां रखा गया है?”


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