Waqf Board Amendment Bill 2024: लोकसभा में मोदी सरकार ने गुरुवार (8 अगस्त) को वक्फ बोर्ड से जुड़ा बिल (वक्फ संशोधन विधेयक, 2024) पेश कर दिया है. इसको लेकर विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई है. एनसीपी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाए और कहा कि इस बिल को वापस लेना चाहिए. कम से कम इसे स्टैंडिंग कमेटी को भेजना चाहिए.


अन्य सांसदों ने कहा कि यह संविधान और संघवाद पर हमला है और अल्पसंख्यकों के खिलाफ है. शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा, ''बांग्लादेश में क्या हो रहा है. हम इसको लेकर चिंतित हैं. हर देश में अल्पसंख्यकों का ख्याल रखा जाना चाहिए. कृपया इस बिल को वापस लीजिए.''


मीडिया में बिल की कॉपी आने का जिक्र


सुप्रिया सुले ने कहा कि ये बिल हमें मीडिया से मिला. ये क्या तरीका है. पहले मीडिया को मिला, फिर हमें मिला. ये लोकतंत्र का मंदिर है. पहले संसद को बताइए मीडिया में लीक करने से पहले. इसपर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सभी सदस्यों को बिल दिया गया है.


महाराष्ट्र की बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ''वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 को स्टैंडिंग कमेटी को भेजिए. कृपया बिना चर्चा के एजेंडा न चलाएं. सेक्शन 3 सी में कलेक्टर को काफी पावर दिया गया है. आपने सेक्शन 40 को क्यों हटा दिया. आपने इसे हटा दिया है. सेक्शन 108 (बी) के तहत कहा गया है कि नियम केंद्र की ओर से बनाया गया है, राज्यों को तो ये सरकार भूल ही गई है. कोई राज्य की नहीं सुनता है.''


वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 में क्या है प्रावधान?


सरकार का कहना है कि वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से जुड़े विधेयक में वर्तमान अधिनियम में दूरगामी बदलावों का प्रस्ताव दिया गया है. इसमें वक्फ निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना भी शामिल है.


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