Maharashtra Politics: 'शरद पवार का नाम लिए बिना उन्हें...' सुप्रिया सुले का राज ठाकरे पर पलटवार
Supriya Sule on Raj Thackeray: सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने कहा कि सुर्खियों में बने रहने के लिए राज ठाकरे (Raj Thackeray) और देवेंद्र फडणवीस दोनों शरद पवार के खिलाफ टिप्पणी करते हैं.
Supriya Sule Attack on Raj Thackeray: एनसीपी (SCP) सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे को निशाने पर लिया है. छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर शरद पवार पर दिए गए बयान को लेकर सुप्रिया सुले ने राज ठाकरे को घेरा है. उन्होंने कहा कि शरद पवार का नाम लिए बिना उन्हें पब्लिसिटी नहीं मिलती है. उन्होंने राज ठाकरे के साथ-साथ महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर भी हमला बोला. सुप्रिया सुले ने कहा कि सुर्खियों में रहने के लिए राज ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस दोनों को शरद पवार के खिलाफ टिप्पणी करते हैं.
MNS प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने शरद पवार पर हमला बोलते हुए कहा था कि जिन्होंने कभी छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम तक नहीं लिया, आज वो उन्हें याद करने में लगे हैं. राज ठाकरे ने कहा था कि शायद शरद पवार को पहले मुसलमानों के वोट बैंक की चिंता भी सताती रही होगी.
सुप्रिया सुले का राज ठाकरे पर हमला
MNS प्रमुख ने कहा कि शरद पवार अपने भाषणों में छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) का नाम लेने से बचते रहे क्योंकि शायद उनकी एक बड़ी चिंता रही होगी कि उनका नाम लेने से मुसलमानों के वोट बैंक पर असर पड़ेगा, लेकिन अब वो छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेते नजर आ रहे हैं. राज ठाकरे के इसी बयान पर उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने अपने पिता शरद पवार का बचाव किया और कहा कि सुर्खियां बटोरने के लिए राज ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस शरद पवार के खिलाफ टिप्पणी करते हैं.
शरद पवार ने क्या कहा था?
दरअसल, रायगढ़ किले में महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा कद रखने वाले नेता शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने शनिवार (24 फरवरी) को अपनी पार्टी का नया चुनाव सिंबल 'तुरही बजाता आदमी' लॉन्च किया था. इसी दौरान उन्होंने छत्रपति शिवाजी के बेहतर शासनकाल का जिक्र किया था. शरद पवार ने कहा था कि शिवाजी महाराज ने अपनी ताकत का उपयोग लोगों की एकता को बनाए रखने और उनके जीवन को बेहतर बनाने में किया. उन्होंने ये भी कहा था कि शिवाजी महाराज जी ने कभी अपना स्वराज्य किसी समुदाय विशेष के लोगों के लिए नहीं गठित किया और हर तबके और वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए काम किया था.
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