Maharashtra: OBC समाज को आवास देने में आ रही अड़चन, सुप्रिया सुले ने शिवराज सिंह चौहान से की ये मांग
Maharashtra News: सुप्रिया सुले ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी है. इसमें सुप्रिया सुले ने पीएम आवास योजना और मनरेगा को लेकर अपनी कुछ मांगें रखी हैं.
Maharashtra Latest News: महाराष्ट्र के बारामती से सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने केंद्रीय ग्राम विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को पत्र लिखा है. इस पत्र में सुप्रिया सुले ने राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही 'मोदी आवास योजना' के लिए फंड उपलब्ध कराने की मांग की है. बता दें कि इस योजना के तहत OBC समाज को ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में आवास मुहैया कराया जाता है. सुले ने इसके साथ ही मनरेगा के तहत अकुशल कामगार को मिलने वाले मेहनताना की राशि को भी बढ़ाए जाने की मांग की है.
प्रधानमंत्री आवास योजना को सुप्रिया ने लिखा, ''योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मकान उपलब्ध कराना है, लेकिन कई सारे पात्र लाभार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. महाराष्ट्र में अन्य श्रेणी के लगभग 10 लाख लाभार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि स्कीम में उनको लक्ष्य नहीं किया गया है.'' सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र के विधायक रोहित पवार की चिट्ठी भी शेयर की जिसमें इस मुद्दे को उठाया है.
प्रधानमंत्री आवास योजनेच्या अंतर्गत ग्रामीण भागातील गोरगरीबांना परवडणाऱ्या दरात घरे दिली जातात. यासाठी ग्रामीण भागात दीड लाख तर शहरी भागात अडीच लाख रुपये दिले जातात. परंतु बांधकाम क्षेत्रातील वाढत्या महागाईमुळे ही रक्कम अपुरी ठरत आहे. परिणामी अनेक पात्र कुटुंबांसाठी ही योजना… pic.twitter.com/CWp7cvc4lv
— Supriya Sule (@supriya_sule) August 7, 2024
अकुशल श्रमिकों के लिए MNREGA का मेहनताना बढ़ाने की मांग
सुले ने आगे मोदी आवास योजना स्कीम को लेकर लिखा, ''ओबीसी श्रेणी के लिए महाराष्ट्र सरकार ने इसकी शुरुआत की थी. लेकिन फंड की कमी के कारण लाभार्थियों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है. केंद्र सरकार से इसके लिए फंड उपलब्ध कराने की अपील करती हूं और या फिर इसको प्रभावी रूप से लागू करने के लिए इसे अपने नियंत्रण में ले लिया जाए.''
सुप्रिया सुले ने शिवराज सिंह चौहान के नाम चिट्ठी में आगे अपील की कि अकुशल श्रमिकों के लिए मनरेगा के अंदर प्रतिदिन का पारिश्रमिक 50 रुपये बढ़ाया जाए क्योंकि दूसरे राज्यों की तुलना में पारिश्रमिक बेहद कम है.
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