Thane Crime: महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक कोर्ट ने 48 वर्षीय एक व्यक्ति को अपनी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के जुर्म में कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने कहा कि मामले में 'अनावश्यक' या अनुचित सहानुभूति' दिखाने की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने 11 अप्रैल को अपने आदेश में कहा, 'ऐसे मामले आजकल बढ़ रहे हैं और इससे निपटने के लिए सजा के एक निवारक सिद्धांत का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.'
कोर्ट के आदेश की एक प्रति शनिवार (15 अप्रैल) को उपलब्ध कराई गई. यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे कल्याण के जिला एवं अतिरिक्त सत्र जज पी आर अष्टुरकर ने कहा कि आरोपी को आजीवन कठोर कारावास की सजा दी जाती है, जिसका मतलब है अब आरोपी अपना बचा हुआ जीवन जेल में गुजारेगा.
कोर्ट ने अभियुक्त पर जुर्माना भी लगाया
कोर्ट ने अभियुक्त पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. विशेष लोक अभियोजक कादंबिनी खंडागले ने कोर्ट को बताया कि ठाणे जिले के कल्याण शहर के अंबिवली के रहने वाले व्यक्ति की पत्नी तब मर गयी जब उसकी बेटी करीब दो साल की थी. खंडागले के अनुसार तब अभियुक्त अपनी बेटी एवं बेटे के साथ मुंबई आ गया और वह करीब 2011 से अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म करने लगा, 2011 में पीड़िता चार-पांच साल की थी.
पीड़िता योजनाओं के अलावा मुआवजे की भी हकदार है
उन्होंने बताया कि लड़की जब 10 वर्ष की हुई तब उसने नवंबर 2016 में पुलिस को इस अपराध के बारे में बताया . उन्होंने बताया कि उसके बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता अन्य सरकारी योजनाओं के अलावा आरोपी से मुआवजे की भी हकदार है. जज ने यह भी निर्देश दिया कि पीड़िता को मुआवजे के अलावा जुर्माना राशि (यदि वसूल की जाती है) का भुगतान किया जाए.
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