Maharashtra News: महाराष्ट्र के ठाणे (Thane) जिले की एक अदालत ने एक महिला से रेप (Rape) और गर्भपात के लिए मजबूर करने के मामले में आरोपी दो लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. ठाणे सत्र न्यायाधीश डॉ. रचना आर तेहरा ने 16 जनवरी को सुनाए गए आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ संदेह से परे आरोप साबित करने में विफल रहा, इसलिए उन्हें बरी करने की आवश्यकता है. आदेश की प्रति शनिवार को उपलब्ध कराई गई.


क्या कहा अभियोजन पक्ष ने
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि 47 वर्षीय आरोपी ने 2009 में पीड़िता से दोस्ती की और शादी का झांसा देकर भिवंडी और कल्याण शहरों में कई बार उससे रेप किया. आरोपी ने बाद में किसी और से शादी कर ली, लेकिन फिर भी पीड़िता के साथ यौन संबंध बनाए रखे, जिसके परिणामस्वरूप वह गर्भवती हो गई. इसके बाद आरोपी ने पीड़िता से गर्भपात कराने को कहा. 


अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि जब उसने इनकार कर दिया, तो वह उसे किसी बहाने से एक डॉक्टर के पास ले गया और वहां उसे गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया गया. अदालत को बताया गया कि 62 वर्षीय एक व्यक्ति ने महिला का गर्भपात कराने में मुख्य आरोपी की मदद की थी. 


कोर्ट ने मामले पर क्या कहा
बचाव पक्ष के वकील ने आरोपियों पर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया. न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता और उसकी मां ने अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं किया है. इसलिए मामले को लटकाए रखना न्यायोचित नहीं है. अदालत ने कहा, “रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे पता चले कि आरोपी ने केवल अपनी वासना को शांत करने के लिए झूठा वादा किया.” इस वजह से कोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया.


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