Maharashtra News: दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दिघे के आश्रम में कुछ शिवसेना नेताओं ने ढोल बजाने वालों पर नोट बरसाएं. जिसका वीडिया सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. आनंद दिघे आश्रम को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गुरुस्थान माना जाता है. वायरल वीडियो को लेकर विपक्ष ने शिवसेना को घेरा, जिसके बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने बड़ा फैसला लिया है और उन शिवसेना नेताओँ पर कार्रवाई की निर्देश दिए. नोट बरसाने वाले शिवसेना पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. 


शिवसेना पदाधिकारियों को किया निष्कासित
इससे पहले सीएम शिंदे की तरफ से पदाधिकारियों को बर्खास्त करने की बात भी कही गई थी. जिसके बाद शिव सेना ठाणे जिला शाखा की ओर से एक पत्र जारी किया गया. इस पत्र पर सांसद नरेश म्हस्के के हस्ताक्षर भी है. पत्र में दो शिवसेना पदाधिकारियों को शिवसेना शाखा प्रमुख पद से निष्कासित करने का आदेश दिया गया है. साथ ही पत्र में लिखा है कि दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दिघे का ठाणे में आनंदश्रम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ-साथ शिवसैनिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है.


इसी आनंद आश्रम के एक कमरे में आनंद दिघे रहते थे. सांसद नरेश म्हस्के ने पत्र में लिखा शिवसेना पदाधिकारियों का पैसे बर्बाद करने का तरीका गलत है. ये अत्यंत निंदनीय है जिससे पार्टी की आलोचना हुई है और इस कृत्य से पार्टी की छवि भी धूमिल हुई है. निखिल बुडजाडे, नितिन पटोले इन दोनों शाखा प्रमुखों के खिलाफ पार्टी की ओर से कार्रवाई की गई है. ठाणे जिला प्रमुख और शिवसेना सांसद नरेश मस्के ने पार्टी की ओर से दोनों शाखा प्रमुखों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.


हालांकि बीते शुक्रवार को आनंद आश्रम में हुई घटना से आक्रोश फैल गया था. आनंद दिघे की तस्वीर के सामने नोट उड़ाने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. जिसको लेकर शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने शिंदे गुट पर जोरदार हमला बोला. राउत ने कहा कि ठाणे का वीडियो काफी परेशान करने वाले हैं. हमने उस बिल्डिंग में गंदगी देखी. क्या वहां लूट का पैसा रखा हुआ है? वहां एक हंटर रखा गया है. इस समय उन्होंने आलोचना की कि अगर आनंद दिघे ने हंटर हटा लिया होता और लूट का पैसा उड़ा रहे लोगों को कुचल दिया होता. 


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