Thane News: महाराष्ट्र में ठाणे मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2018 में एक सड़क दुर्घटना में मारे गए 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा के माता-पिता को लगभग 12 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. अपने आदेश में, एमएसीटी के सदस्य एच एम भोसले ने दुर्घटना करने वाली कार के मालिक, जिसमें वह यात्रा कर रही थी, और यूनाइटेड इंडिया जनरल इंश्योरेंस कंपनी को दावाकर्ताओं को संयुक्त रूप से भुगतान करने का निर्देश दिया, साथ ही दावा दाखिल करने की तारीख से अब तक 8 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज दर भी देने को कहा है.


आईआईटी में पढ़ती थी छात्रा


13 सितंबर को पारित आदेश की प्रति शुक्रवार को उपलब्ध करा दी गई. पीड़िता के पिता विजय हरिश्चंद्र मौर्य (54) और ठाणे के लोकमान्य नगर निवासी मां शकुंतला ने दावा दायर किया था. दावेदारों की ओर से पेश वकील अमित चौधरी ने ट्रिब्यूनल को बताया कि उनकी मृत बेटी श्रद्धा आईआईटी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी और पार्टटाइम नौकरी भी कर रही थी. उसने ट्रिब्यूनल को बताया कि वह प्रति माह 15,000 रुपये कमा रही थी और याचिकाकर्ता मृतक की आय पर निर्भर थे.


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राशि में शामिल हैं ये अंश


9 जनवरी 2018 को श्रद्धा एक्सप्रेस-वे पर एक पैसेंजर कार में मुंबई से पुणे जा रही थीं. कार का चालक इसे लापरवाही से चला रहा था और जब यह सावरोली टोल प्लाजा से आगे बढ़ रही थी, तो वाहन सुबह करीब 9.45 बजे आगे बढ़ते हुए एक टेंपो से जा टकराया. नतीजतन, मृतक को कई चोटें आईं और बाद में एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. बीमा कंपनी की ओर से पेश अधिवक्ता एके तिवारी ने विभिन्न आधारों पर दावे का विरोध किया. आदेश में, एमएसीटी सदस्य ने कहा कि मुआवजे की राशि में निर्भरता के नुकसान के लिए 10,58,400 रुपये, संपत्ति के नुकसान और अंतिम संस्कार के खर्च के लिए प्रत्येक के लिए 16,500 रुपये और फिलाल कंसोर्टियम के लिए 88,000 रुपये शामिल होंगे.


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