Thane News: ठाणे नगर आयुक्त अभिजीत बांगड़ (Abhijeet Bangar) ने नगर निगम के अधिकारियों को गर्मियों के लिए पानी के वितरण (Water Distribution) के लिए एक कार्य योजना तैयार करने के लिए कहा गया है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ठाणे नगर आयुक्त अभिजीत बांगड़ ने सोमवार को अधिकारियों के साथ बैठक की और सड़क निर्माण और लीकेज के कारण जल वितरण में आ रही समस्याओं की समीक्षा की.


'जल आपूर्ति से संबंधित शिकायतों का प्राथमिकता से करें समाधान'


नगर निगम प्रमुख ने इंजीनियरों को जल आपूर्ति से संबंधित शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करने और गर्मी में जल वितरण की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये. कमिश्नर अभिजीत बांगड़ ने ठाणे शहर के लिए पानी की उपलब्धता और आवश्यकता का जायजा लिया.


सालों से ठाणे में बनी हुई है पानी की किल्लत


बता दें कि ठाणे में पानी की समस्या सालों से बनी हुई है, कई इलाकों में पानी लीकेज की समस्या है, बावजूद इसके पानी की बर्बादी को रोकने के लिए ठाणे प्रशासन द्वारा किसी तरह की पहल नहीं की जा रही है. कुछ दिनों पहले ठाणे में पानी की किल्लत को  लेकर कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने नाराजगी व्यक्त की थी. ठाणे कांग्रेस के प्रवक्ता राहुल पिंगले ने कुछ दिनों पहले कहा था कि ठाणे शहर के सर्विस रोड से सटे भागों में कई दिनो से पानी की बर्बादी हो रही है, लेकिन प्रशासन इसे रोकने के लिए कोई पहल नहीं कर रहा है.


पानी कि किल्लत से जूझथा ठाणे अकेला जिला नहीं


ठाणे महाराष्ट्र का अकेला जिला नहीं है जो पानी की किल्लत से जूझ रहा है, महाराष्ट्र में पानी की कमी का संकट लंबे समय से चला आ रहा है. पानी की कमी के कारण यहां के किसानों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र में पिछले कुछ सालों में भूजल का स्तर खतरनाक रूप से गिरा है. भूजल के गिरने का यहां के किसानों पर सीधा प्रभाव पड़ा है, ऐसे में प्रदेश की सरकार किसानों को सब्सिडी और प्रोत्साहन देकर कम जल में होने वाली फसलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन क्या यह इस समस्या का स्थाई समाधान है?


राज्य में पानी की कमी का ये है महत्वपूर्ण कारण


महाराष्ट्र में कभी चार महीने से अधिक लगातार बारिश हुआ करती थी, जिससे किसानों के चेहरे खिल उठते थे, लेकिन हाल के वर्षों में न केवल बारिश की मात्रा में कमी दर्ज हुई  है बल्कि बारिश रुक-रुककर भी हुई है, जिससे पानी अच्छी तरह संग्रहितहित नहीं हो पाता और फसलों को भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं माता है.  राज्य में पानी की कमी का महत्वपूर्ण कारक भूजल का अत्यधिक दोहन है. भूजल के अध्यधिक दोहन के कारण बाधों और जलाशयों में पानी की कमी हुई है. राज्य में पानी की समस्या को रोकने के लिए जागरूकता और सामूहिक प्रयासों की जरूरत है.


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