Mumbai News: मुंबई की एक अदालत ने एक मरीज के यौन शोषण के आरोपी एक डॉक्टर को बरी कर दिया है. डॉक्टर पर आरोप था कि उसने 2020 में शहर के एक अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीज का यौन शोषण किया. पीड़ित का कहना है कि चूंकि डॉक्टर ने पीपीई किट पहना था इसलिए उसे यह नहीं पता कि डॉक्टर कौन था.
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (मझगांव अदालत) प्रवीण मोदी की अदालत ने 22 मार्च को 33 वर्षीय डॉक्टर को बरी कर दिया और आदेश की विस्तृत प्रति सोमवार को उपलब्ध हुई. मरीज ने अदालत को यह भी बताया कि वह यह नहीं कह सकता कि आरोपी डॉक्टर की गतिवधि में “असामान्य” क्या था.
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अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मामले में पेश किये गए साक्ष्यों से यह साबित नहीं होता कि आरोपी ने ऐसा काम किये जिससे कोरोना वायरस संक्रमण फैल सकता था. मरीज की शिकायत के बाद अस्पताल ने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई. प्राथमिकी के अनुसार, 33 वर्षीय डॉक्टर ने मरीज के साथ “अनुचित यौन व्यवहार किया” जब मरीज कोविड-19 से पीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती था. हालांकि, मामले की सुनवाई के दौरान मरीज ने अदालत में अभियोजन पक्ष का समर्थन नहीं किया.
अदालत में पेश किये गए साक्ष्य में मरीज ने कहा कि वह सो रहा था जब डॉक्टर ने उसे “असामान्य रूप” से स्पर्श किया. उसने कहा कि डॉक्टर ने पीपीई किट पहना था इसलिए उसे यह पता नहीं चला कि डॉक्टर कौन था.