Maharashtra Budget Session: महाराष्ट्र विधानसभा में आज विधायक रवि राणा के ऊपर दर्ज मामले की गूंज सुनाई दी. रवि राणा ने आज विधानसभा में अमरावती पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर राज्य सरकार पर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि उन पर मामला दर्ज करने के लिए पुलिस के ऊपर दबाव था. इसे लेकर राणा ने कहा कि मेरे पास इसका सबूत है और अगर मैं झूठ बोल रहा हूं तो मुझे सदन में फांसी दे दीजिए.''
बता दें कि अमरावती नगर आयुक्त का पिछले महीने तबादला कर दिया गया था. इस मामले में विधायक रवि राणा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. रवि राणा की गिरफ्तारी का मामला आज सदन में उठाया गया. राणा ने कहा कि आधी रात को 150 पुलिसकर्मी मेरे घर में घुसे. पुलिस ने बुजुर्ग माता-पिता की परवाह किए बिना घर पर छापा मारा. मेरे ऊपर लगे आरोप राजनीति से प्रेरित थे. पुलिस आयुक्त ने कहा कि मुझे गिरफ्तार करने के लिए सरकार की ओर से काफी दबाव था. राणा ने कहा, "मेरे पास सारे सबूत हैं और अगर मैं झूठ बोल रहा हूं तो मुझे इस हॉल में फांसी दे दो." राणा ने यह भी आरोप लगाया कि मेरी पत्नी सांसद नवनीत राणा को हिरासत में लिया गया और उनका अपमान किया गया.
सरकार ने दिया जांच का भरोसा
इस घटना को लेकर गृह मंत्री ने विधानसभा में जवाब भी दिया. घटना के दिन अमरावती में शिवाजी महाराज की एक मूर्ति लगाई गई थी. प्रतिमा को बिना अनुमति के खड़ा किया गया था. गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि हमारे राज्य का नियम है कि उस जिले के जिलाधिकारी की अनुमति के बिना मूर्ति नहीं लगाई जा सकती. हर जगह इस नियम का पालन किया जाता है. प्रतिमा की ऊंचाई कम होने के कारण प्रशासन ने नगर आयुक्त द्वारा प्रतिमा को हटाने का निर्णय लिया. पुलिस सुरक्षा में प्रतिमा को हटाया गया.
नगर आयुक्त पर पथराव की घटना के बाद अमरावती में माहौल तनावपूर्ण था. ऐसे में पुलिस के पास कार्रवाई के अलावा कोई चारा नहीं था. जब विधायक दिल्ली में थे, उन पर धारा 306 के तहत आरोप लगाया गया था. हालांकि पाटिल ने कहा कि यह जांच की जरूरत है कि मामला क्यों दर्ज किया गया. पाटिल ने यह भी स्पष्ट किया कि रवि राणा के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार की ओर से कोई दबाव या सुझाव नहीं था. उन्होंने मामले की वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराने की घोषणा की.
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