Maharashtra Lok Sabha Chunav Result 2024: शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने बुधवार को दावा किया कि ‘फतवों’ ने प्रतिद्वंद्वी शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) को मुंबई के लोकसभा क्षेत्रों में जीत हासिल करने में मदद की और मुस्लिम मतदाता आश्वस्त हो गए हैं कि उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व विचारधाराओं को ‘त्याग’ दिया है. एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना ने महाराष्ट्र में 15 संसदीय सीट पर चुनाव लड़ा और उनमें से सात पर जीत हासिल की. ​​


मुंबई क्षेत्र की छह लोकसभा सीट में से तीन सीट पर शिवसेना (यूबीटी) ने जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस, बीजेपी और शिवसेना को एक-एक सीट मिली. महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके सहयोगी दलों को 17 सीट मिली हैं, जबकि कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के विपक्षी महा विकास आघाड़ी को 48 में से 31 सीट पर जीत मिली है.


दीपक केसरकर ने कहा, ‘‘फतवों ने शिवसेना (यूबीटी) को मुंबई में सीट जीतने में मदद की. यदि आप उन्हें (अल्पसंख्यक समुदायों के मतों को) घटा दें, तो शिवसेना (यूबीटी) का हर उम्मीदवार एक से डेढ़ लाख से अधिक मतों से हार जाता.’’ महाराष्ट्र के मंत्री ने आरोप लगाया कि मुस्लिम मतदाता इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व विचारधारा और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के आदर्शों को ‘त्याग’ दिया है, जिसके कारण उन्होंने कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवारों की मदद की.


'पीएम मोदी को कमजोर करने के लिए पाक में रची गई थी साजिश'


शिवसेना नेता ने आरोप लगाया कि पिछले दो दिनों से शिवसेना (यूबीटी) महाराष्ट्र में एक अलग तस्वीर पेश कर रही है कि मराठी मतदाता शिवसेना का समर्थन नहीं कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि शिवसेना को मुंबईकरों और मराठी मतदाताओं दोनों का समर्थन हासिल है. केसरकर ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कमजोर करने के लिए पाकिस्तान में साजिश रची गई थी.


दीपक केसरकर ने दावा किया कि पाकिस्तान में दो मंत्रियों ने मोदी की हार की वकालत की और अफसोस की बात है कि यहां कुछ लोगों ने उनकी बातों पर ध्यान दिया. केसरकर ने कहा कि विपक्ष ने संविधान बदलने के झूठे दावे से दलित समुदायों को गुमराह किया. उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, महागठबंधन के प्रमुख नेताओं को हार का सामना करना पड़ा, जिसके लिए आगे के विश्लेषण की आवश्यकता है. उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने मराठवाड़ा क्षेत्र में केवल एक सीट जीती है, जो मराठा आंदोलन का केंद्र था. भाजपा, शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी महायुति के सहयोगी हैं.