Maharashtra MLC Election 2024: महाराष्ट्र में 26 जून को विधान परिषद के चुनाव होने हैं. ऐसे में उद्धव ठाकरे की तरफ से बिना अपनी सहयोगी पार्टियों से चर्चा किए बिना उम्मीदवारों के नाम दिए जाने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने नाराजगी जताई है. दरअसल महाराष्ट्र में कोंग्रेस ने स्नातक और नासिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में विधान परिषद चुनावों के लिए उद्धव ठाकरे द्वारा शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवारों की 'एकतरफा' घोषणा किए जाने पर मंगलवार को नाराजगी जताई.
नाना पटोले ने वापस लेने की मांग की, जिसको तो पहले उद्धव ठाकरे की पार्टी ने अनदेखा किया और नाना पटोले का फोन तक नहीं उठाया था. वहीं इस पर नाना पटोले ने कहा कि सब्र कीजिए. लेकिन अब आज नामांकन के आखिरी दिन तस्वीर साफ होती नजर आ रही है.
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया कि गठबंधन सहयोगियों से सलाह किए बिना ठाकरे ने नासिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए कांग्रेस द्वारा तय किए गए उम्मीदवार का चयन किया.
पटोले ने कहा, "उद्धव ठाकरे ने कोंकण स्नातक और नासिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए हमसे कोई विचार-विमर्श किए बिना ही उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. हमें उम्मीद थी कि महा विकास अघाडी घटकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद ही उम्मीदवारों और सीटों को अंतिम रूप दिया जाएगा." कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने ठाकरे से इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवारों को वापस लेने चाहिए. गठबंधन में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं.
पटोले के अनुसार, कांग्रेस ने नासिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए संदीप गुलवे के नाम को अंतिम रूप दिया था और ठाकरे को सूचित किया था, लेकिन बाद में उन्होंने बिना किसी चर्चा के गुलवे को शिवसेना (यूबीटी) में शामिल कर लिया और उन्हें अपना उम्मीदवार बना दिया.
उन्होंने कहा, 'मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि अगर हम सामूहिक रूप से इन चार विधान परिषद सीटों पर सीट-बंटवारे का फॉर्मूला तय कर लें, तो हम सब के लिए जीतना आसान हो जाएगा.
वहीं अब नाना पटोले के बयान का जवाब देते हुए शिवसेना यूबीटी के बड़े नेता संजय राउत ने कहा, " नाना पटोले बड़े नेता हैं और बड़े हों लेकिन चालीस सालों से यह सीट हमारे पास है चर्चा का विषय ही नहीं, नाशिक में हमारी सीटिंग सीट है. कोंकण की सीट कांग्रेस को मिलेगी, कल रात हमारी चर्चा हुई है. चर्चा में उद्धव ठाकरे हों जरूरी नहीं. चर्चा के बाद आज स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.
संजय राउत ने कहा, "छोटे बड़े भाई नहीं सब एक साथ हैं लोकसभा एक साथ जीते हर सीट की परिस्थिति अलग होती है. सबसे अधिक संघर्ष शिवसेना ने किया है. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार सबकी मेहनत थी.
उद्धव ठाकरे ने क्या कहा?
हालांकि जब मुंबई स्नातक सीट से उम्मीदवार अनिल परब जब आज मातोश्री पहुंचे तो इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने नाना पटोले के नाराजगी और आरोपों के जवाब लूज कनेक्शन की बात कही है, उद्धव ने कहा संवाद में लूज कनेक्शन जरूर था. लोकसभा चुनाव के बाद में विदेश चला गया था. नामांकन की तारीख नजदीक आ गई थी. इसलिए नामांकन दाखिल करना जरूरी था. इसलिए हमने नामांकन दाखिल किया. कल दिल्ली से कांग्रेस के नेताओं से फोन पर बातचीत हुई. कोंकण की सीट हम उनको दे रहें है.
क्या है महाराष्ट्र के विधान परिषद चुनाव का समीकरण?
महाराष्ट्र में पांच चरणों में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म होने बाद अब सियासी दल विधान परिषद के चुनाव की तैयारियों में जुटे है. महाराष्ट्र विधान परिषद के 2 शिक्षक और 2 स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव 26 जून को होंगे. इन चारों MLC विधायकों का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है.
बीजेपी ने विधान परिषद चुनाव के लिए सोमवार को अपने तीन उम्मीदवारों की घोषणा की. बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने महाराष्ट्र विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनावों के लिए तीन प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगा दी है .
कोंकण स्नातक सीट – निरंजन डावखरे
मुंबई स्नातक सीट – किरण शेलार
मुंबई शिक्षक सीट – शिवनाथ दराडे
विधान परिषद की चार सीटों- मुंबई स्नातक, कोंकण स्नातक, मुंबई शिक्षक और नासिक शिक्षक के सदस्यों का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 7 जून है. मतदान 26 जून को होगा, जबकि वोटों की गिनती एक जुलाई को होगी.
4 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल खत्म
मुंबई स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा विधायक विलास पोतनीस (उद्धव ठाकरे गुट), कोंकण डिवीजन स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधायक निरंजन डावखेर (बीजेपी), नासिक डिवीजन शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा विधायक किशोर दराडे (उद्धव ठाकरे गुट) और मुंबई शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा विधायक कपिल पाटील (लोकभारती) का कार्यकाल सात जुलाई को खत्म हो रहा है. विधान परिषद के सदस्यों का कार्यकाल छह वर्ष का होता है. विधान परिषद एक स्थाई सदन है. यह कभी भी भंग नहीं होती है.
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