Maharashtra: शिवसेना MLA अयोग्यता मामले में ठाकरे-शिंदे गुट के वकीलों ने दी जोरदार दलीलें, फिर भी क्यों मिल रही 'तारीख-पे-तारीख'?
Shiv Sena MLAs: महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले पर सुनवाई को लेकर दोनों गुटों के वकीलों ने अपनी जोरदार दलीलें दी है. लेकिन अभी तक इस केस में सुनवाई की आखिरी तारीख सामने नहीं आई है.
Shiv Sena MLAs Disqualification Case: शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता मामले पर कल सुनवाई हुई. इसमें ठाकरे समूह की ओर से मांग की गई कि सभी याचिकाओं पर संयुक्त सुनवाई की जाए. चूंकि ये सभी अलग-अलग साक्ष्य देना चाहते हैं इसलिए शिंदे गुट की ओर से मांग की गई कि इसकी सुनवाई अलग से की जाए. संभावित कार्यक्रम में दस्तावेजों की जांच, गवाही दर्ज करना और जिरह शामिल है. संबंधित प्रक्रिया में कम से कम तीन महीने लगने की संभावना है.
ठाकरे गुट ने की है ये मांग
ठाकरे समूह की ओर से मांग की गई कि सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़कर सुनवाई की जाए. अब इस पर 13 अक्टूबर को सुनवाई होगी. खबर है कि विधानसभा अध्यक्ष अगले दो से तीन दिनों में इस मामले को कैसे चलाना है इसका शेड्यूल देंगे. आज की सुनवाई में दोनों गुटों की ओर से दलीलें दी गईं. शुरुआत में सुनील प्रभु और वकीलों ने राष्ट्रपति के सामने अपना पक्ष रखा. ठाकरे समूह के वकील देवदत्त कामत ने मामले की पैरवी की.
देवदत्त कामत ने क्या कहा?
कामत ने कहा, हमारी मांग है कि विधायकों की अयोग्यता से जुड़ी सभी 40 याचिकाओं को एक साथ किया जाए, ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है? चूंकि इन याचिकाओं की विषय वस्तु एक ही है, इसलिए यदि संयुक्त याचिका पर सुनवाई की जाएगी तो इन सभी मामलों पर निर्णय लेने में कम समय लगेगा और तत्काल निर्णय देना संभव होगा.
शिंदे गुट के वकीलों ने क्या कहा?
शिंदे गुट के वकीलों ने इसका विरोध किया है. शिंदे समूह के वकील अनिल साखरे ने दलील दी कि सभी याचिकाओं को एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग सुना जाना चाहिए. हम स्वतंत्र साक्ष्य उपलब्ध कराना चाहते हैं. इसी के चलते हम कह रहे हैं कि विधायकों की बात अलग से सुनी जानी चाहिए.