Uddhav Thackeray on PM Modi: उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ गठबंधन सरकार बनाने के लिए हिंदुत्व को छोड़ने के अपने दावों के लिए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने भाजपा की रथ यात्रा का समर्थन किया जबकि लगभग सभी राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी भाजपा का चेहरा थे लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री बने क्योंकि गठबंधन दलों ने उनके नाम का विरोध किया. रथ यात्रा शुरू करने पर हमने भाजपा का समर्थन किया. उनके केवल दो सांसद थे.


आडवाणी को लेकर कही ये बात
आडवाणी उनका चेहरा थे. लेकिन जब सरकार बनानी थी और भाजपा को जयललिता और अन्य लोगों का समर्थन चाहिए था, तो उन्होंने धर्मनिरपेक्षता के लिए आडवाणी के चेहरे का विरोध किया और अटलजी प्रधानमंत्री बने. तो हिंदू धर्म किसने छोड़ा- शिवसेना या बीजेपी? एएनआई ने ठाकरे के हवाले से कहा. ठाकरे ने मीडिया की भूमिका की भी आलोचना की.


'न्यायपालिका ही एकमात्र उम्मीद'
उन्होंने कहा कि उनके हाथ में कलम की जगह कमल है. लोकतंत्र के चार स्तंभों में से तीन के ध्वस्त होने के साथ, न्यायपालिका ही एकमात्र उम्मीद है. महाराष्ट्र का निर्माण पीएम मोदी ने नहीं बल्कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने किया था. लोकतंत्र के तीन स्तंभ ढह गए हैं. मीडिया के हाथ में कलम की जगह कमल है. न्यायपालिका और सुप्रीम कोर्ट ही एकमात्र उम्मीद बची है. जाहिर सी बात है कुछ दिन पहले केंद्रीय चुनाव आयोग का फैसला सामने आया था. जिसमें उन्होंने शिवसेना का नाम और पार्टी सिंबल दोनों एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया था. इसके बाद से ही एकनाथ शिंदे गुट लगातार उद्धव ठाकरे गुट पर निशाना साध रहा है.


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