Uddhav Thackeray Faction: शिवसेना सांसद विनायक राउत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना की है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उद्धव ठाकरे नाम से जलन होती है. मोदी का भक्त बन चुके शिंदे गुट के पास अब उद्धव ठाकरे और हमारी पार्टी की आलोचना करने के अलावा और कोई चारा नहीं है. शिवसेना (ठाकरे गुट) समेत विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के कार्यक्रम का बहिष्कार किया है.


शिंदे का निशाना और राउत का जवाब
इस पर मुख्यमंत्री शिंदे ने मजाक उड़ाते हुए कहा कि 'लोगों को अच्छा उपाय बताकर पेट दर्द से निजात मिल जाएगी.' इसका जवाब विनायक राउत ने दिया है. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, जमालगोटा देना छोड़ दें, रत्नागिरी में 'शासन आप्या दारी' कार्यक्रम की एक बैठक हुई. अगर लोग इस बैठक को छोड़ देते, अगर वे पीछे मुड़कर देखते, तो उन्हें पता होता कि लोगों के बीच उनका कितना स्थान है."


क्या बोले विनायक राउत?
वीर सावरकर जयंती के मौके पर संसद भवन के कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर विनायक राउत ने कहा, 'एकनाथ शिंदे को याद रखना चाहिए कि बीजेपी ने सावरकर को खुश करने का ठेका नहीं लिया था. बालासाहेब ठाकरे ने शिवतीर्थ में सावरकर का पहला स्मारक बनवाया.


राउत ने कहा, “ऐसा नहीं है कि एकनाथ शिंदे सिर्फ इसलिए बड़े भक्त बन गए क्योंकि सावरकर की जयंती दिल्ली में मनाई गई थी. हम शुरू से ही सावरकर को भारत रत्न देने की मांग कर रहे हैं. अगर दम है तो प्रधानमंत्री मोदी से मिलिए और सावरकर को भारत रत्न देने की घोषणा करने को कहिए.'' विनायक राउत ने एकनाथ शिंदे को चुनौती दी है.


एकनाथ शिंदे ने कहा है कि संसद भवन के कार्यक्रम में कुछ लोगों ने नमक के पत्थर फेंकने की कोशिश की. इस बारे में पूछे जाने पर विनायक राउत ने कहा, ''एकनाथ शिंदे को डिमेंशिया है. विपक्ष नए संसद भवन का बहिष्कार नहीं कर रहा है. अगर देश के सर्वोच्च सदन का उद्घाटन राष्ट्रपति करते तो क्या नुकसान होता. दुर्भाग्य से, नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को भी आमंत्रित नहीं किया गया है.”


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