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Maharashtra: 'ऊंट तिरछा चलता है, लेकिन घोड़ा...', उद्धव ठाकरे गुट ने अजित पवार की नाराजगी पर दिया बड़ा बयान
Saamana Editorial: NCP में सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है, हालांकि इन सभी बदलावों में अजित पवार को कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है. इसी पर उद्धव गुट ने टिपण्णी की है.
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Uddhav Thackeray faction Saamana Editorial: पिछले कुछ दिनों से राज्य में विपक्ष के नेता अजित पवार और शिवसेना सांसद संजय राउत के बीच अनबन चल रही है. इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपनी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले को पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी दी है. उसके बाद राजनीतिक गलियारे में चर्चा होने लगी कि अजित पवार खफा हैं. अब इन सभी घटनाक्रमों पर उद्धव गुट ने मुखपत्र 'समाना' के माध्यम से टिप्पणी की गई है.
'सामना' में क्या कुछ कहा गया?
उद्धव गुट ने सामना में कहा, NCP अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी की 25वीं वर्षगांठ पर बड़ा ऐलान किया. सांसद सुप्रिया सुले के साथ ही प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष का पद दिया गया है. पार्टी के कुछ अन्य नेताओं को जिम्मेदारियां बांटी गईं. हालांकि इन सभी बदलावों में अजित पवार को कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है. इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी शुरू हो गई है. इस बीच ठाकरे गुट ने अजित पवार को मना लिया है.
अजित पवार को नए फेरबदल से हटा दिया गया था. इसलिए वे दिल्ली वगैरह में कार्यक्रम छोड़कर चले गए. अजीत पवार महाराष्ट्र की राजनीति में एक 'खिलाड़ी' हैं और राज्य के बाहर काम करने का उनका कोई इरादा नहीं है. अजित पवार ने स्पष्ट किया कि उनका सुझाव था कि सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाए.
अजित पवार विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और हमेशा कहा जाता है कि उनके नेतृत्व में जमात बीजेपी के पत्थर पर खड़ी है. यह ढाई साल पहले फडणवीस के साथ सुबह-सुबह शपथ लेने का नतीजा है. तथ्य यह है कि अजित पवार बीजेपी के डेरे में वापस आ गए, यह उन पर दोष है. राजनीति में विश्वसनीयता सर्वकालिक निम्न स्तर पर है. सुबह इस पार्टी में रहने वाला नेता शाम को कहां विलीन हो गया होगा, कहा नहीं जा सकता.
कुछ लोग इसे राजनीतिक शतरंज समझते हैं. ऊंट तिरछा चलता है, लेकिन इस रास्ते पर वह घोड़े की तरह ढाई घर चलने को मजबूर है. जनता इस तरह की राजनीति से थक चुकी है. महाराष्ट्र की राजनीति में ठीक यही हो रहा है. यह माना जाना चाहिए कि शरद पवार और उनकी पार्टी इस राजनीति में एक महत्वपूर्ण कारक है और इसीलिए शरद पवार ने भविष्य की राजनीति को देखते हुए अपनी एनसीपी पार्टी में कुछ प्यादे चलाए हैं.
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