Maharashtra: 'शरद पवार की वजह से...', एक किस्सा बताते-बताते NCP अध्यक्ष के सामने रोने लगीं सुषमा अंधारे, पढ़ें पूरी खबर
Sushma Andhare on Sharad Pawar: सुषमा अंधारे एक किस्से को याद करते हुए एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के सामने रोने लगीं. उन्होंने बताया, पवार की वजह से उनका परिवार सुरक्षित है.
Sushma Andhare: शिवसेना (ठाकरे गुट) की उप नेता और प्रवक्ता सुषमा अंधारे एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के सामने फूट-फूट कर रो पड़ीं. शरद पवार के सामने बोलते हुए सुषमा अंधारे ने एक किस्सा बताया कि कैसे पवार ने उनकी मदद की. यह कहते-कहते वह भावुक हो गईं और फूट-फूट कर रो पड़ीं. उन्होंने यह भी कहा कि शरद पवार की वजह से मेरा पूरा परिवार सुरक्षित है. वो मंगलवार को एक कायर्कम में समारोह में बोल रहीं थी.
क्या बोलीं सुषमा अंधारे?
सुषमा अंधारे ने कहा, ''यहां राजनीति की बात नहीं है, लेकिन कहना जरूरी है. विधायक मेरे बारे में अभद्र टिप्पणी करते हैं और एक भी थाने में उनकी शिकायत दर्ज नहीं होती है. सदन में हम सभी विपक्ष के नेता के रूप में बेंच पर बैठते हैं. फिर सवाल पूछा जाना चाहिए कि विपक्षी पार्टी के नेताओं ने अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज क्यों नहीं की.
आगे उन्होंने कहा, "अगर मैं गलत हूं, तो मेरी बात सुनो, मैं एक लाख बार माफी मांगने के लिए तैयार हूं. मैं वह पत्र पढ़ने जा रही हूं जो मैंने तब लिखा था जब उन्होंने इस्तीफा दिया था. मुझे बताया गया कि संजय राउत ने इस पत्र का प्रिंटआउट लेकर पवार को दे दिया. हालांकि, मुझे इस पत्र को फिर से पढ़ना चाहिए. सुषमा अंधारे ने कहा, "मैं शरद पवार का इस्तीफा नहीं चाहती थी, इसलिए मैंने यह पत्र लिखा."
शरद पवार का इस्तीफा
अंधारे ने कहा, "वास्तव में, मुझे यकीन नहीं है कि मुझे शरद पवार को लिखना चाहिए या बताना चाहिए. हालांकि, न केवल एक पार्टी के रूप में, बल्कि कोई भी व्यक्ति जिसे बहुजन, महाराष्ट्र में हाशिए पर पड़ी अथरापगढ़ जाति का ज्ञान है, वह पवार का इस्तीफा स्वीकार नहीं करेगा."
"शरद पवार की वजह से मेरा पूरा परिवार सुरक्षित"
सुषमा अंधारे ने आगे कहा, 'मैं सदन में नहीं बता पाऊंगी कि शरद पवार ने मेरे जैसी लड़की के लिए क्या किया है और क्या नहीं. शरद पवार की वजह से मेरा पूरा परिवार सुरक्षित नजर आ रहा है. कई नेताओं ने चार महीने बाद मेरे संदेश देखे. हालांकि, जब मैंने शरद पवार को मैसेज किया तो उनके निजी सहायक सतीश राउत ने बड़े भाई की तरह फोन किया और शरद पवार को इसकी जानकारी दी.