Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों विज्ञापन के इर्दगिर्द घूम रही है. पहले शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को देवेंद्र फडणवीस से ज्यादा पॉपुलर बताना वाला एक सर्वे शेयर किया. इसके बाद राजनीतिक हलकों में बयानबाजी गर्म हो गई. इसके बाद गुरुवार (15 जून) को महाराष्ट्र की अखबारों में एक और विज्ञापन देखने को मिला. पहले वाले विज्ञापन में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे और सीएम शिंदे के 'गुरु' आनंद दिघे की तस्वीर नहीं थी. नए विज्ञापन में 'गलती' को सुधार किया गया. इस बीच उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना के संपादकीय ने लिखा कि देवेंद्र फडणवीस ने मन को मारकर उपमुख्यमंत्री पद को स्वीकार किया इसलिए एकनाथ शिंदे उनसे श्रेष्ठ नहीं हो सकते.


'शिंदे और बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं'


सामना में उद्धव ठाकरे के गुट ने ये भी दावा किया कि बीजेपी और शिंदे की शिवसेना के बीच सब कुछ ठीक नहीं है, भले ही उनके नेता सब कुछ दुरुस्त होने का दावा कर रहे हों. इसके साथ ही ये भी लिखा गया है कि विज्ञापन में सुधार के बाद भी देवेंद्र फडणवीस के 'लक्षण' ठीक नहीं लग रहे हैं. बता दें कि पहले विज्ञापन को शिवसेना नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री दीपक केसरकर ने 'गलती' बता दिया था. वहीं, देवेंद्र फडणवीस ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी. गुरुवार को उन्होंने कहा कि एक विज्ञापन से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है.


'शिंदे-बीजेपी की गाड़ी पटरी से उतर रही है'


इस विज्ञापन को लेकर उद्धव गुट ने हमला करने का मौका अपने हाथ से नहीं जाने दिया है. सामना के संपादकीय में बेहद ही सख्त लहजे में एकनाथ शिंदे और बीजेपी को निशाने पर लिया गया है. इसमें लिखा गया है कि बीजेपी और शिंदे की गाड़ी पटरी से उतर रही है. संपादकीय में दावा किया गया कि पहले ही से शिंदे और बीजेपी के बीच मतभेद था लेकिन विज्ञापन आने के बाद ये मतभेद और बढ़ गया है.