Maharashtra News: सीएम उद्धव ठाकरे के बीजेपी को लेकर दिए बयान के बाद विवाद शुरू हो गया है. उद्धव ठाकरे के बयान पर बीजेपी के राम कदम ने कहा, ''हिंदुत्व पर लेक्चर देने की जगह आत्ममंथन करना चाहिए. शिव सेना खुद बाल ठाकरे की विचारधारा पर चल रही है या नहीं. बाल ठाकरे ने कहा था कि उनकी पार्टी राजनीति या निजी जीवन में कभी भी कांग्रेस का दामन नहीं थामेगी. यदि कभी ऐसी परिस्थिति बनी तो वह शिव सेना के दफतर पर ताला लगाना ज्यादा पसंद करेंगे.''
वहीं, इसे लेकर राज्य के पूर्व मुंख्यमंत्री व बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी शिवसेना पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''मैं शिवसेना को चुनौति देता हूं कि वो जिन सोनिया गांधी व राहुल गांधी के साथ बैठे हैं उनसे बाला साहेब ठाकरे के लिए एक ट्वीट ही करवा कर दिखा दें. शिव सेना राम मंदिर मुवमेंट के दौरान केवल भाषण दे रही थी. वह हम थे जिन्होंने इस दौरान गोलियां और लाठियां खाई थी.''
केंद्रीय मंत्री रावसाहेब पाटिल ने भी इस बयान के मद्देनजर शिवसेना पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पार्टी अब बाला साहेब के विचारों के विपरीत काम कर रही है. उन्होंने कहा, ''डोंबिवली में प्रचार भाषणों के दौरान शिवसेना ने सावरकर का हवाला दिया. क्या यह हिंदुत्व की पार्टी है... आज उद्धव ठाकरे बाला साहब के उपदेश के ठीक विपरीत व्यवहार कर रहे हैं. सत्ता के लालच में हिंदुत्व विरोधी पार्टियों में शामिल हुए हैं.''
उद्धव ठाकरे ने दिया था ये बयान
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बयान दिया था कि बीजेपी ने राजनीतिक सुविधा के अनुसार हिंदुत्व का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि एनडीए अब कमजोर पड़ गया है. इसमें से अकाली दल एवं शिवसेना जैसे पुराने सहयोगी बाहर निकल गए हैं.
उन्होंने कहा, ''शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठजोड़ किया था क्योंकि वह हिंदुत्व के लिए सत्ता चाहती थी. शिवसेना ने सत्ता की खातिर कभी हिंदुत्व का इस्तेमाल नहीं किया.'' उन्होंने कहा, ''शिवसेना ने हिंदुत्व को नहीं बल्कि बीजेपी को छोड़ दिया. मैं मानता हूं कि बीजेपी का अवसरवादी हिंदुत्व बस सत्ता के लिए है. ’’ उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन में जो 25 साल निकाले वह ‘बर्बाद’ चले गए.
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