Uddhav Thackeray Speech: उद्धव ठाकरे का बड़ा बयान, कहा- 'हमारी सरकार इसलिए गिरी क्योंकि मैंने...'
Uddhav Thackeray on PM Modi: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने 'इंडिया' की रैली में पीएम मोदी पर निशाना साधा है. इसपर अब बीजेपी की तरफ से भी पलटवार किया गया है.
PM Modi on Uddhav Thackeray: हिंगोली के कलामुनरी में दिन की तीसरी रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा, “एमवीए सरकार ने शिव भोजन जैसी अच्छी योजनाएं शुरू कीं और कोरोनोवायरस महामारी के दौरान लोगों की मदद भी की. हमारी सरकार इसलिये गिरी क्योंकि मैंने निवेश को महाराष्ट्र से बाहर नहीं जाने दिया.”
क्या बोले शिवसेना (UBT) अध्यक्ष?
शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने मुंबई में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की रैली में उनके संबोधन की प्रारंभिक टिप्पणियों को लेकर उनकी आलोचना करने पर बीजेपी पर सोमवार को निशाना साधा. मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित रैली में ठाकरे ने वहां मौजूद लोगों को “हिंदू भाइयों और बहनों” के पारंपरिक संबोधन के बजाय मेरे “देशभक्त और देशप्रेमी भाइयों और बहनों” के रूप में संबोधित किया था. शिवाजी पार्क का बाल ठाकरे के दिनों से ही शिवसेना की रैलियों से जुड़ाव रहा है.
बाल ठाकरे अपने भाषण की शुरुआत “मेरे हिंदू भाइयों और बहनों” शब्द का इस्तेमाल करते थे. उद्धव ठाकरे ने हिंगोली जिले के वसमत में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “रैली में मेरे भाषण के शुरुआती वाक्य पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने मेरी आलोचना की लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या वे देशभक्त नहीं हैं?” ठाकरे ने कहा कि उन्होंने “देशप्रेमी” शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया, क्योंकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस’ (इंडिया) देश और लोकतंत्र को बचाना चाहता है.
उन्होंने कहा, “लेकिन कुछ बीजेपी नेताओं ने यह आरोप लगाते हुए मेरी आलोचना की कि मेरी भाषा (हिंदुत्व पर रुख ) बदल गई है. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या आप देशभक्त नहीं हैं? आप मोदी भक्त हैं या देशभक्त? हम देशभक्त हैं, मोदीभक्त नहीं.” ठाकरे ने लोगों से उनके गांवों में आने वाले ‘रथों’ को रोकने की अपील की, जो स्पष्ट रूप से बीजेपी के चुनाव प्रचार का संदर्भ था.
उन्होंने कहा, “अगर प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है, तो लोगों को कार्रवाई करनी चाहिए.” ठाकरे ने हिंगोली के मौजूदा सांसद हेमंत पाटिल की भी आलोचना की, जिन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव शिवसेना (अविभाजित) के उम्मीदवार के रूप में जीता था, लेकिन हाल में एकनाथ शिंदे खेमे में शामिल हो गए.
उन्होंने कहा, “वह मैं था जिसने उन्हें विधायक, सांसद बनाया जबकि कुछ को मंत्री बनाया गया लेकिन उनकी भूख बहुत ज्यादा है.” ठाकरे ने ‘दो पार्टियों को तोड़ने’ वाले बयान को लेकर उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, “कुछ लोग राज्य में दो पार्टियों को तोड़ने पर गर्व महसूस कर रहे हैं. उन्हें सेंधमारी के लिये लाइसेंस दिया जाना चाहिए.
उनका (चुनाव) चिह्न कमल से बदलकर हथौड़ा कर दिया जाना चाहिए.” फडणवीस ने रविवार को कहा था कि 2019 के विधानसभा चुनाव अभियान की पंचलाइन “मैं वापस आऊंगा” के लिए उनका मजाक उड़ाया गया था, लेकिन वह दो पार्टियों को तोड़ने के बाद सत्ता में लौट आए.
उनका इशारा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और शरद पवार की राकांपा की तरफ था. ठाकरे ने कृषि नीतियों को लेकर केंद्र पर हमला किया और आरोप लगाया कि जब किसान सरकार को फसलों की गारंटीकृत कीमत देने का उसका वादा “याद दिलाने” के लिए दिल्ली पहुंचने की कोशिश करते हैं तो उन पर बंदूकें तानी जा रही हैं और आंसू गैस छोड़ी जा रही है.
उन्होंने सेन्गांव ग्राम में शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की किस्मत किसानों के हाथ में है.” ठाकरे ने कहा कि किसान ऋण चुकाने में चूक नहीं करते और वे विदेश यात्रा नहीं करते.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “लेकिन बैंक उनके दरवाजे पर नोटिस चिपका देते हैं. साथ ही, किसानों को उनकी फसलों के लिए गारंटीकृत मूल्य नहीं मिलता और वे अपनी बेटियों की शादी भी नहीं कर पाते. वे अपने बच्चों को उचित शिक्षा नहीं दे पाते. इन कारकों की पृष्ठभूमि में, वे आत्महत्या कर लेते हैं.” उन्होंने कृषकों से उनकी शक्ति दिखाने और खुद की जान लेने से परहेज करने को कहा.
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