Shiv Sena MLA Disqualification Verdict: महाराष्ट्र में इस वक्त विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले की चारों तरफ चर्चा हो रही है. एक तरफ इस फैसले से जहां शिंदे गुट में खुशियों का माहौल है तो दूसरी तरफ उद्धव गुट को बड़ा झटका लगा है. शिवसेना UBT अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. हालांकि, स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले ने शिंदे गुट के पक्ष में फैसला लिया और शिवसेना-यूबीटी (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) समूह द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया. इस फैसले का शिवसेना के भीतर सत्ता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है, क्योंकि यह पार्टी के भीतर शिंदे की स्थिति को मजबूत करता है.
राहुल नार्वेकर के फैसले को चुनौती
स्पीकर के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'उन्होंने प्रजातंत्र की हत्या की है. लेकिन ट्रिब्यूनल सुप्रीम कोर्ट से उपर है, या सुप्रीम कोर्ट ही सुप्रीम है, यह अभी देखना होगा. हम जनता में रहे है, जनता में रहेंगे और जनता को साथ लेकर लढ़ेंगे. जनता को यह फैसला मंजूर नहीं है. शायद यह उनके समझ के बाहर का डिसीजन था. या उपर से जो आया वो उन्होंने किया. आज भी उनमें साहस नहीं है, वे अपने बल पर वोट नहीं मांग सकते. इसलिए उन्हें मेरी पार्टी और पिता का चेहरा चाहिए.' उद्धव गुट ने राहुल नार्वेकर के फैसले के खिलाफ अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखने की बात कही है.
जब दो गुटों में बंट गई थी शिवसेना
जून 2022 में, शिंदे और कई अन्य विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी जिससे शिवसेना में विभाजन हो गया और महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस भी शामिल थीं. शिंदे और ठाकरे गुटों द्वारा दलबदल रोधी कानूनों के तहत एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की गई थीं.