(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
क्या MVA में मतभेद की वजह बनेगा उद्धव ठाकरे का यह पोस्टर? चुनाव से पहले बने चर्चा का विषय
Uddhav Thackeray Posters in Dadri: महाराष्ट्र चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे के 'भावी मुख्यमंत्री' वाले पोस्टर से MVA में तनाव बढ़ सकता है. उद्धव ठाकरे पहले भी सीएम का चेहरा चुनने की मांग कर चुके हैं.
Uddhav Thackeray Posters in Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. इसके लिए सत्ताधारी गठबंधन महायुति और विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में तैयारियां शुरू हो गई हैं. वहीं, विपक्षी अलायंस में चर्चा का एक बड़ा विषय मुख्यमंत्री पद का चेहरा चुनना भी है. इसी बीच राज्य में जगह-जगह उद्धव ठाकरे के पोस्टर चर्चा का विषय बन गए हैं.
दरअसल, दादर क्षेत्र में शिवसेना यूबीटी के समर्थकों की ओर से दशहरा शुभकामनाओं के लिए जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं, जिन पर मराठी में लिखा है, "महाराष्ट्र के लिए, महाराष्ट्र के मन में, निष्ठावान शिवसैनिकों के दिलों में, भावी मुख्यमंत्री माननीय श्री उद्धव साहेब ठाकरे." पोस्टर में नीचे पार्टी सचिव साईनाथ दुर्गे की तस्वीर भी बनी है.
महाविकास अघाड़ी में उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी, शरद पवार की एनसीपी-एसपी और कांग्रेस शामिल हैं. तीनों दलों के बीच में मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी तक चर्चा नहीं हुई है. इसके पहले उद्धव ठाकरे के 'भावी मुख्यमंत्री' वाले पोस्टर गठबंधन में मतभेद की स्थिति पैदा कर सकते हैं.
उद्धव ठाकरे कई बार कर चुके हैं सीएम फेस चुनने की मांग
महाराष्ट्र में संभवतः अगले महीने यानी नवंबर 2024 में विधानसभा चुनाव हैं. इससे पहले उद्धव ठाकरे ने दादर में ही जनता को संबोधित करते हुए एक बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा कि एमवीए गठबंधन में उनके सहयोगी जिसे भी मुख्यमंत्री चेहरा चुनेंगे, शिवसेना यूबीटी उनका समर्थन करेगी. ठाकरे ने कहा था कि कांग्रेस-एनसीपी को भावी मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर देनी चाहिए, क्योंकि इससे भितरघात की आशंका खत्म हो जाती है.
एनसीपी और कांग्रेस नहीं चुनना चाहतीं भावी सीएम?
उद्धव ठाकरे इससे पहले भी कई बार सीएम फेस चुनने की मांग अपने सहयोगी दलों से कर चुके हैं. हालांकि, तब शरद पवार ने कहा था कि फिलहाल एमवीए को चुनाव जीतने पर फोकस करना चाहिए. जीत होने के बाद आपस में बैठ कर यह तय कर लिया जाएगा कि सीएम कौन होगा. वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ ने भी यही कहा था कि गठबंधन में जब भी चुनाव लड़ा जाता है, तो सीएम चेहरे का कोई महत्व नहीं बचता. बहुमत लाने वाले दल के साथ मिलकर नाम तय कर लिया जाता है. इन बयानों के बाद से ही कयास लगने लगे थे कि मुख्यमंत्री पद को लेकर एमवीए में तनाव बन सकता है.