MVA में शुरू हो गई खटपट? उद्धव ठाकरे ने खुद साफ की तस्वीर, NDA के भविष्य पर भी बयान
Uddhav Thackeray News: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे देश के भविष्य की चिंता है, एनडीए सरकार के भविष्य की नहीं है.
Uddhav Thackeray News: लोकसभा चुनाव रिजल्ट के बाद महा विकास अघाड़ी (MVA) में चल रहे विवाद के दावों को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने खारिज किया है. उन्होंने मुंबई में बुधवार (12 जून) को कहा कि महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवारों को लेकर MVA में कोई मतभेद नहीं है.
बता दें कि कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि गठबंधन सहयोगियों से बातचीत किए बिना उद्धव ठाकरे ने नासिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार की घोषणा कर दी.
क्या है विवाद?
पटोले ने कहा, ''कांग्रेस ने नासिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए संदीप गुलवे के नाम को अंतिम रूप दिया था और ठाकरे को सूचित किया था, लेकिन बाद में उन्होंने बिना किसी चर्चा के गुलवे को शिवसेना (यूबीटी) में शामिल कर लिया और उन्हें अपना उम्मीदवार बना दिया.''
महाराष्ट्र में चार विधान परिषद सीटों- मुंबई स्नातक, कोंकण स्नातक, मुंबई शिक्षक और नासिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए द्विवार्षिक चुनाव होने हैं. इन सीटों के लिए 26 जून को मतदान होगा और एक जुलाई को नतीजे घोषित किए जाएंगे.
मणिपुर पर बयान
साथ ही महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे देश के भविष्य की चिंता है, एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार के भविष्य की नहीं है. उद्धव ने साथ ही पूछा कि क्या आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की मणिपुर की स्थिति पर टिप्पणी के बाद पीएम मोदी मणिपुर का दौरा करेंगे.
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को लेकर भी सरकार को घेरा. उद्धव ने कहा, ''किसकी जिम्मेदारी है? अबकी बार वाले कहां हैं? मोहन भागवत ने मणिपुर पर एक साल बाद बयान दिया.. अब मोदी, अमित शाह वहां जाएंगे? 370 की सच्चाई हमने पहले भी आपके रखा था. ये व्यस्त हैं तीसरी बार सरकार बनाने में. तीन दिनों में तीन हमले हुए हैं.''
क्या बोले मोहन भागवत?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने 10 जून को कहा था, ‘‘मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है. दस साल पहले मणिपुर में शांति थी. ऐसा लगा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है. मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा. चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है.’’