'पूर्व राज्यपाल की टोपी कभी नहीं उड़ी, तो...', शिवाजी की मूर्ति गिरने पर उद्धव ठाकरे का सवाल, क्या बोले शरद पवार?
Chhatrapati Shivaji Maharaj: सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा सोमवार को गिर गई थी. पिछले साल इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. इसपर अब विपक्ष ने निशाना साधा है.
Chhatrapati Shivaji Maharaj Statue: शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को लेकर बुधवार को एकनाथ शिंदे नीत सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि महायुति शासन के दौरान भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है.
सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील में राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार को अपराह्न करीब एक बजे गिर गई थी. पिछले साल चार दिसंबर को इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था.
क्या बोले उद्धव ठाकरे?
ठाकरे ने यहां शरद पवार और कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि तेज हवाओं के कारण प्रतिमा गिरने का सरकार का दावा ‘‘बेशर्मी की पराकाष्ठा’’ है. उद्धव ठाकरे ने पूछा कि 'भगत सिंह कोश्यारी की टोपी कभी नहीं उड़ी, मूर्ति हवा से कैसे गिरी.' बता दें, भगत सिंह कोश्यारी ने 2019 से 2023 तक महाराष्ट्र के 22वें राज्यपाल के रूप में कार्य किया है. उनके कार्यकाल के दौरान उनके कई बयान विवादों में रहे. नवंबर 2022 में, कोश्यारी ने मराठा आइकन शिवाजी महाराज को 'पुराने दिनों' का महापुरुष कह दिया था, जिससे विवाद खड़ा हो गया था.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए महा विकास आघाडी (एमवीए) एक सितंबर को दक्षिण मुंबई में हुतात्मा चौक से ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ तक एक मार्च निकालेगा. ठाकरे ने कहा कि पवार सहित, एमवीए के सभी घटक दलों के मुख्य नेता प्रदर्शन में शामिल होंगे. एमवीए के घटक दल शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस हैं.
ठाकरे ने कहा शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के खिलाफ मालवण में आज एमवीए के मोर्चा में व्यवधान पैदा कर रहे लोग मराठा योद्धा के विश्वासघाती हैं. उन्होंने एमवीए के प्रतिनिधिमंडल के राजकोट किला जाने के बाद शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं और बीजेपी समर्थकों के बीच हुई झड़प का हवाला देते हुए यह कहा.
प्रतिमा गिरने का कुछ अच्छा परिणाम होने संबंधी महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर की टिप्प्णी को लेकर ठाकरे ने कहा कि इसका मतलब है कि नयी प्रतिमा बनाने के लिए एक नयी निविदा जारी की जाएगी और फिर से घोटाला होगा.
ठेकेदार के खिलाफ मामले का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि सरकार स्वीकार कर रही है कि अपराध हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार नौसेना पर दोष मढ़कर अपना पल्ला झाड़ने जा रही है. राज्य सरकार ने मंगलवार को कहा था कि यह प्रतिमा नौसेना ने बनवाई थी. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने कहा कि दिसंबर 2023 में मालवण तहसील के किले में शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने का कार्यक्रम जल्दबाजी में आयोजित किया गया, ताकि लोकसभा चुनाव में कोंकण क्षेत्र और महाराष्ट्र में जीत हासिल की जा सके.
उन्होंने कहा, ‘‘इस पाप का पर्दाफाश होना चाहिए.’’ ठाकरे ने दावा किया कि यह भी जानकारी सामने आई है कि मूर्तिकार को ऊंची प्रतिमा बनाने का अनुभव नहीं था और वह इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों से अनभिज्ञ था. पवार ने कहा कि सरकार नौसेना को दोषी ठहराकर खुद को दोषमुक्त नहीं कर सकती क्योंकि प्रतिमा स्थापित करने के लिए उसकी (सरकार की) अनुमति आवश्यक थी.
उन्होंने इस प्रतिमा को बनाने में भ्रष्टाचार होने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है.’’ उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ आक्रोश है. इस बीच, एनसीपी (एसपी) की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने प्रतिमा गिरने से उत्पन्न स्थिति को नियंत्रित करने में कथित विफलता के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की. फडणवीस के पास गृह विभाग का भी प्रभार है.
क्या बोलीं सुप्रिया सुले?
सुले ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘मैं देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग करती हूं, क्योंकि वह इसके बाद की स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहे हैं. उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.’’
सुले ने दावा किया कि इस घटना के कारण लोग आक्रोशित हैं और राज्य सरकार की ओर से अब तक आधिकारिक रूप से माफी नहीं मांगी गई है. इस बीच, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के लिए वह राज्य के 13 करोड़ लोगों से माफी मांगते हैं. सुले ने कहा कि यह चिंताजनक है कि राज्य सरकार सीधे तौर पर भारतीय नौसेना को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रही है, जो देश को बाहरी खतरों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि सरकार का ध्यान मुख्य रूप से खुद को बचाने और पसंदीदा ठेकेदारों की सेवा करने पर है. सत्ता में शीर्ष पदों पर बैठे लोग ऐसी घटनाओं में अपनी जवाबदेही स्वीकार करने को अनिच्छुक नजर आ रहे हैं.’’ विधानसभा चुनाव से पहले, प्रतिमा गिरने की घटना के एक बड़े विवाद का रूप लेने की आशंका के बीच फडणवीस ने कहा है कि राज्य सरकार ने सिंधुदुर्ग जिले में उसी स्थान पर शिवाजी महाराज की एक बड़ी प्रतिमा स्थापित करने का फैसला किया है.
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