Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नगर निगम चुनाव की तैयारी तेज कर दी है. उन्होंने नगर सेवक और पूर्व नगर सेवकों की बैठक बुलाई और चुनाव में जीत का मंत्र दिया. इस बीच हिंदुत्व के दामन से दूर जाकर सेक्युलरिज्म का चोला पहनने की कोशिश फेल हुई तो उद्धव बीएमसी के लिए हिंदुत्व के एजेंडे पर लौटने की भी बात करने लगे हैं.
उद्धव ठाकरे ने बैठक में कहा है कि बीएमसी चुनाव के लिये हिंदुत्व के मुद्दे को जनता के बीच ले जाएं, हिंदुत्व के लिए शिवसेना पहले से ही लड़ रही है, कल भी लड़ेगी और लड़ती रहेगी. संदेश साफ था कि पार्टी ने हिंदुत्व को छोड़ा नहीं है. मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडणेकर ऑटो में बैठकर मातोश्री पहुंचीं थीं.
उद्धव ठाकरे ने 18 नेताओं की कमेटी बनाई
बीएमसी चुनाव के लिए शिवसेना (UBT) प्रमुख ने 18 नेताओं की एक कमेटी भी बनाई है. एबीपी न्यूज़ को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक ज्यादातर लोगों ने उद्धव को अपने दम पर चुनाव लड़ने की सलाह दी है.
बीएमसी का चुनाव उद्धव ठाकरे के लिए कितना अहम?
उद्धव ठाकरे के लिए बीएमसी का चुनाव इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को आधी सीटें मुंबई से ही मिली हैं. मुंबई रीजन में कुल 36 सीटें आती हैं. महायुति को 22 और महाविकास अघाड़ी को 14 सीटों पर जीत मिली हैं. महायुति में बीजेपी को 15 सीट मिली है जबकि एमवीए में उद्घव की शिवसेना को 10 सीटें मिली हैं.
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना को प्रदेश भर में कुल 20 सीटों पर जीत मिली है, उसमें से 10 सिर्फ मुंबई की हैं. बीएमसी की सत्ता में वापसी के लिए उद्धव की पार्टी को अब न सिर्फ इस स्ट्राइक रेट को बरकरार रखने की जरूरत है बल्कि चुनौती इस स्ट्राइक रेट को और बेहतर करने की है. मुंबई की राजनीति में उद्धव की सियासत को एकनाथ शिंदे गुट से कड़ी चुनौती मिली है.
क्या उद्धव ठाकरे के लिए BMC की लड़ाई आसान?
महाराष्ट्र के नतीजों ने एकनाथ शिंदे को बाला साहेब का असली वारिस मान लिया है. ऐसे में उद्धव ठाकरे के लिए बीएमसी की लड़ाई बहुत आसान नहीं रहने वाली है. मुंबई नगर निगम में कुल 227 वार्ड हैं. 2017 के चुनाव में शिवसेना को 84 और बीजेपी को 82 सीटें मिली थी. यहां नगर निगम के चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने हैं. उधर महायुति में बीजेपी भी नगर निगम के चुनाव को देखते हुए सरकार गठन में अपनी रणनीति बना रही है.
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