Uddhav Thackeray on Mahayuti CM face: महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए महायुति सरकार और बीजेपी पर तीखा हमला बोला है.


सामना में बीजेपी पर आरोप लगाते हुए उद्धव गुट की शिवसेना ने कहा है कि संख्या के आधार पर नेता चुनना खतरनाक है. यह सच है कि बीजेपी ने ताकत के मामले में ही तीन चुनावों में शिवसेना के उम्मीदवारों को हराया है. उस वक्त गोपीनाथ मुंडे (शिवसेना ठाकरे कैंप) की राजनीति इस बात को हवा दे रही थी कि विधायकों की संख्या कैसे कम होगी. ऐसा ही देवेन्द्र फडणवीस ने किया और अब यह निश्चित है कि महायुति गठबंधन में भी वही खेल खेला जाएगा.


सामना में महाविकास अघाड़ी (MVA) के मुख्यमंत्री पद को लेकर भी चर्चा की गई है. इसमें डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया कि फडणवीस को लगता है कि MVA उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखती. हालांकि, उद्धव ठाकरे ने खुद यह स्पष्ट किया है कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते, लेकिन MVA को एक चेहरा जरूर लाना चाहिए और वह इसका समर्थन करेंगे.


आगे कहा है कि बीजेपी हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हार का सामना कर रही है. महाराष्ट्र में भी नरेंद्र मोदी और अमित शाह का प्रभाव कम हो रहा है. महाराष्ट्र के लोग मोदी-शाह के चेहरे को स्वीकार नहीं कर रहे हैं और देवेंद्र फडणवीस की लोकप्रियता भी यहां कमजोर है.


मुख्यमंत्री पद को लेकर महायुति के भीतर चल रही खींचतान पर सामना में निशाना साधा गया. डिप्टी सीएम फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के बीच पद को लेकर संघर्ष जारी है. सवाल उठाया गया कि क्या फडणवीस यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि 2024 के चुनावों के बाद शिंदे मुख्यमंत्री बनेंगे? वहीं, अजित पवार के मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा को लेकर भी आलोचना की गई और यह कहा गया कि तीनों नेताओं के बीच गहरी खाई है.


देवेंद्र फडणवीस पर सीधा हमला करते हुए कहा गया है कि शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा, लेकिन इसके बाद कौन मुख्यमंत्री बनेगा यह फडणवीस भी नहीं कह सकते. 'लाड़ली बहन योजना' में भी तीनों नेताओं के बीच मतभेद हैं.


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