Uddhav Thackeray on Ajit Pawar: महाराष्ट्र में कुछ दिन पहले अजित पवार समेत एनसीपी विधायकों ने बगावत कर शिंदे-फड़णवीस के साथ गठबंधन कर लिया और राज्य सरकार को समर्थन दिया है. चर्चा थी की अजित पवार ने शरद पवार से दुश्मनी भरा कदम उठाया है. लेकिन अजित पवार समेत सभी विधायकों के शरद पवार से मिलने और उनका आशीर्वाद लेने के एक हफ्ते के अंदर ही राजनीतिक हलकों में कई तरह की आशंकाएं जताई जाने लगीं. 


उद्धव ठाकरे ने साधा निशाना
विपक्षी दलों ने अजित पवार और शरद पवार की भूमिका पर भी आपत्ति जतानी शुरू कर दी. 'सामना' में दिए एक इंटरव्यू में शिवसेना सांसद संजय राउत ने उद्धव ठाकरे से यही सवाल पूछा. इस सवाल का जवाब उद्धव ठाकरे ने बड़ी ही बेबाकी से दिया. उद्धव ठाकरे से पूछा गया कि क्या मंत्री पद की शपथ लेने और एनसीपी में फूट पड़ने के बाद शरद पवार का आशीर्वाद लेने गए थे. ठाकरे ने जवाब देते हुए कहा, शिवसेना छोड़ने वाले गद्दारों की मेरे पास आने की हिम्मत नहीं हुई. यह मेरे पास नहीं आ सकते. उनमें कोई साहस नहीं है. वे मेरे स्वभाव को जानते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह अच्छी तरह से जानते हैं कि शिवसेना की विचारधारा बालासाहेब की विचारधारा है.


उद्धव ठाकरे ने क्यों की अजित पवार की आलोचना?
उद्धव ठाकरे ने अजित पवार की आलोचना करते हुए कहा कि, 'अजित पवार की राय बहुत खराब है. क्योंकि जिनसे हम सब कुछ लेते हैं, उनके बारे में ऐसे बयान देना हमारी संस्कृति के अनुरूप नहीं है. मुझे उनका यह बयान पसंद नहीं आया कि आशीर्वाद किससे लेना है. ''आगे उन्होने कहा कि "अगर आप सहमत नहीं हैं तो बताएं कि आप सहमत क्यों नहीं हैं. इस उम्र में भी, मुझे विश्वास नहीं है कि आप उन लोगों से इस तरह से बात करेंगे जिन्होंने आपको सब कुछ दिया. न केवल अजित पवार, बल्कि जो भी अपने स्वार्थ के लिए जाना चाहता है.


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