Maharashtra Politics: वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर शनिवार को खुल्दाबाद में औरंगजेब की कब्र पर पहुंचे. मौजूदा समय में महाराष्ट्र में औरंगाबाद जिले का नाम बदलने पर राजनीति काफी गरमाई हुई है. कुछ समय पहले ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया था और कई इलाकों में आगजनी हुई थी. ऐसे में अब प्रकाश आंबेडकर के मकबरा पहुंचने से नया विवाद खड़ा होने की आशंका है.


औरंगजेब को लेकर महाराष्ट्र में काफी समय से बवाल चल रहा है. औरंगजेब के पोस्टर और स्टेटस लगाने पर भी हिंसा हुई थी. इसी बीच एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मांग की थी कि औरंगजेब के मकबरे को यहां से हटाकर हैदराबाद ले जाना चाहिए. वहीं, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने प्रकाश आंबेडकर के साथ राजनीतिक समझौता करने में दिलचस्पी दिखाई थी. 


संभाजी नगर पहुंचे थे प्रकाश आंबेडकर
गौरतलब है कि प्रकाश आंबेडकर शनिवार को छत्रपति संभाजी नगर जिले में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. कार्यक्रम के बाद प्रकाश आंबेडकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ औरंगजेब की कब्र पर गए. ख़ास बात ये है कि प्रकाश आंबेडकर औरंगजेब की कब्र देखने उस वक़्त पहुंचे हैं, जब महाराष्ट्र की राजनीति में औरंगजेब का नाम चर्चा का विषय बना हुआ है. 


महाराष्ट्र में हाल ही के दिनों में सोशल मीडिया पर औरंगजेब की तस्वीर लगाने को लेकर महाराष्ट्र के कोल्हापुर, अहमदनगर और लातूर जिले में बवाल छिड़ गया था. तीनों जिलों में औरंगजेब वाले स्टेटस लगाने पर कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. औरंगजेब और टीपू सुल्तान को लेकर जमकर राजनीतिक बयानबाजी भी की गई थी.


बीजेपी ने उद्धव ठाकरे पर किया जुबानी हमला
वहीं, बीजेपी ने इस मामले को बड़ा मुद्दा बना लिया है. बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) ने 'हिंदुत्व' को ललकारते हुए उद्धव ठाकरे के सफाई मांगी है. इसपर पूर्व सांसद प्रकाश आंबेडकर का कहना था कि वह मकबरे पर केवल पर्यटन स्थल के तौर पर पहुंचे थे.


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