Maharashtra Politics: 'अगर सरकार के पास बहुमत है तो NCP को क्यों चुराया', उद्धव ठाकरे ने BJP से पूछा ये सवाल
Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी और अजित पवार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, BJP के दावे के अनुसार यदि सरकार के पास बहुमत है तो NCP को ‘चुराने’ की जरूरत क्या थी.
Maharashtra Politics: शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीजेपी की ‘एक देश, एक दल’ योजना कभी स्वीकार नहीं की जाएगी. उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘‘करिश्मा’’ फीका पड़ता जा रहा है. यवतमाल जिले के दिगरास में एक रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने अजित पवार धड़े के नौ एनसीपी विधायकों को महाराष्ट्र सरकार में शामिल किये जाने का मुद्दा उठाया और सवाल किया कि बीजेपी के दावे के अनुसार यदि सरकार के पास बहुमत है तो एनसीपी को ‘चुराने’ की जरूरत क्या थी.
क्या बोले उद्धव ठाकरे?
दिगरास शिवसेना विधायक और राज्य के मंत्री संजय राठौड़ का गढ़ है. राठौड़ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे में चले गए हैं. ठाकरे ने कहा, ‘‘एक देश, एक कानून समझा जा सकता है. लेकिन हम बीजेपी की एक देश, एक दल योजना कभी स्वीकार नहीं करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि (पिछले साल) कुछ निर्दलीय विधायकों के साथ शिवसेना के 40 विधायक बीजेपी के साथ चले गये. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, ‘‘उन्होंने (शिवसेना के शिंदे धड़े और निर्दलीयों समेत) दावा किया कि उनकी सरकार के पास पूर्ण बहुमत है. यदि ऐसी बात है तो एनसीपी को चुराने की क्या जरूरत थी?’’
लगाए ये आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया कि पुरानी सहयोगी बीजेपी ठाकरे नहीं, खाली शिवसेना को चाहती है. उन्होंने दावा किया, ‘‘बीजेपी अब निरर्थकों की पार्टी बन गयी है.’’ उनका इशारा हाल में महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी सरकार में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नौ विधायकों के शामिल किये जाने की ओर था. ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री का ‘‘करिश्मा’’ फीका पड़ गया है, जो हाल के कर्नाटक विधानसभा चुनाव से समझ में आ गया है.
ठाकरे ने कहा, ‘‘उन्होंने (मोदी ने) ‘बजरंग बली की जय’ का नारा जोरशोर से दिया लेकिन बजरंग बली ने पलटकर अपनी गदा से प्रहार किया तथा बीजेपी का कर्नाटक में सफाया हो गया.’’ उन्होंने कहा कि एक दल से कुछ नेताओं का दूसरे दल में चला जाना समझा जा सकता है लेकिन ‘‘लोकतंत्र में पूरी पार्टी चुरा लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.’’ ठाकरे ने कहा, ‘‘हमने चुनाव से पहले कुछ विधायकों को एक दल से दूसरे दल में जाते हुए देखा है. लेकिन एक पूरी पार्टी को निगले जाने पर रोक लगनी चाहिए.
लोकतंत्र में हर दल को अपनी राय प्रकट करने की अनुमति दी जानी चाहिए भले ही वे राजनीतिक विरोधी हों.’’ उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब मतपत्रों के माध्यम से नयी सरकार बनती थी ‘‘लेकिन अब नयी सरकार खोखा के माध्यम से बनती है.’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश में मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में 70,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ और उन्होंने इसका ठीकरा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर फोड़ा. कुछ ही दिनों में एनसीपी का एक धड़ा सरकार में शामिल हो गया.
अब एनसीपी नेता ने प्रधानमंत्री के साथ अपना फोटा साझा किया. यह किस प्रकार का हिंदुत्व है?’’ ठाकरे ने दावा किया कि केंद्रीय गृहमंत्री ने अक्टूबर, 2019 में मुंबई में उनके आवास ‘मातोश्री’ में भेंट के दौरान अविभाजित शिवसेना के साथ ढाई-ढाई साल तक मुख्यमंत्री का पद साझा करने का वादा किया था. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने अपना वादा कबूल करने से इनकार कर दिया, फलस्वरूप मैंने एनसीपी एवं कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया.’’