Lok Sabha Election 2024: शिवसेना में फाड़ के बाद उद्धव ठाकरे के लिए अगला चुनाव आसान नहीं रहने वाला है. महाविकास अघाड़ी में असफलता की आशंका है. ठाकरे गुट और कांग्रेस शरद पवार गुट के बिना चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. ABP माझा में छपी एक खबर के अनुसार, उद्धव ठाकरे लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि की समीक्षा करेंगे. 48 लोकसभा सीटों की कल से ठाकरे समूह समीक्षा करेगा. 16 से 19 अगस्त के बीच पहले चरण में कुल 16 लोकसभा क्षेत्रों की समीक्षा की जाएगी.
उद्धव ठाकरे करेंगे सीटों की समीक्षा
अजित पवार और शरद पवार की मुलाकात से महाविकास अघाड़ी में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. लोकसभा चुनाव की तैयारियों की पृष्ठभूमि में कांग्रेस और शिवसेना ठाकरे समूह कल से अपनी-अपनी पार्टियों की बैठकें करेंगे. ठाकरे समूह की बैठकों के पहले चरण में एनसीपी के गढ़ बारामती लोकसभा क्षेत्र की समीक्षा की गई है. 18 अगस्त को इसकी समीक्षा की जायेगी.
ये नेता लेंगे हिस्सा
लोकसभा क्षेत्रवार बैठक में निर्वाचन क्षेत्र संपर्क नेता, स्थानीय उपनेता, जिला संपर्क प्रमुख, स्थानीय मंडल महिला संघ, जिला प्रमुख, सांसद, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, उपजिला प्रमुख, तालुका प्रमुख, शहर प्रमुख, विधानसभा प्रमुख और विधानसभा संपर्क प्रमुख (मुंबई ) भाग लेंगे.
प्रथम चरण के लिए निर्वाचन क्षेत्रवार लोकसभा बैठक कार्यक्रम
16 अगस्त, दोपहर 12:30 बजे - नंदुरबार
दोपहर डेढ़ बजे- धुले
शाम 4:30 बजे - जलगांव
दोपहर साढ़े पांच बजे - रावेर
17 अगस्त, दोपहर 12:30 बजे - नगर
4:30 PM - नासिक
शाम 5:30 बजे - डिंडौरी
18 अगस्त, दोपहर 12:30 बजे - मावल
दोपहर का आधा समय - शिरूर
4:30 PM - बारामती
शाम 5:30 बजे - पुणे
19 अगस्त, दोपहर 12:30 बजे - सतारा
दोपहर डेढ़ बजे- सांगली
शाम 4:30 बजे - कोल्हापुर
दोपहर साढ़े पांच बजे - हातकणंगले
अजित पवार के गुट के बीजेपी में शामिल होने के बाद भी शरद पवार की स्थिति स्पष्ट नहीं है. इसलिए, अगर आने वाले समय में शरद पवार स्पष्ट रुख नहीं अपनाते हैं, तो एनसीपी शरद पवार के गुट, शिवसेना और कांग्रेस के बिना एक साथ लड़ने का बी प्लान तैयार कर रही है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि दो दिन पहले उद्धव ठाकरे और नाना पटोले के बीच मुलाकात हुई थी. इसके तहत शिवसेना, कांग्रेस ने सभी लोकसभा क्षेत्रों की समीक्षा शुरू कर दी है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की राय है कि कांग्रेस को बारामती और शिरूर लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ना चाहिए, जो एनसीपी के गढ़ हैं.