Maharashtra News: शिवसेना-यूबीटी (Shivsena-UBT) ने गुरुवार को दावा किया कि बीजेपी को 'कांग्रेस मुक्त भारत' को लेकर जुनून है लेकिन वह अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी के बिना एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सकती. पार्टी के मुखपत्र सामना (Saamana) में प्रकाशित एक संपादकीय में शिवसेना-यूबीटी ने हिमाचल प्रदेश के घटनाक्रम के संदर्भ में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार 'कांग्रेस मुक्त भारत' और 'शून्य विपक्षी दल' की दोहरी नीति लागू कर रही है.


हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के पास पर्याप्त विधायक संख्या होने के बावजूद राज्यसभा चुनाव में उसके उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हर्ष महाजन से हार गए थे. शिवसेना-यूबीटी ने कहा कि जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, तब से खरीद-फरोख्त को आधिकारिक मंजूरी मिल गई है. पार्टी ने उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव का भी जिक्र किया जहां समाजवादी पार्टी का एक उम्मीदवार ‘क्रॉस वोटिंग’ के कारण बीजेपी से हार गया.


अशोक चव्हाण के बीजेपी में शामिल होने पर किया तंज
उद्धव ठाकरे की पार्टी ने दावा किया, ''बीजेपी को ‘कांग्रेस मुक्त’ भारत को लेकर जुनून है, लेकिन वह कांग्रेस के बिना एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सकती.'' संपादकीय में कहा गया कि बीजेपी यह भूल जाती है कि ‘कांग्रेस मुक्त’ भारत का सहारा लेकर वह ‘कांग्रेस युक्त’ भारत (बीजेपी में कांग्रेस नेताओं को शामिल कर) बन जाती है. बीजेपी के टिकट पर राज्यसभा के लिए चुने गए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और हर्ष महाजन का जिक्र करते हुए शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि कांग्रेस में भगदड़ मचाना और फिर उन नेताओं को उच्च सदन भेजना बीजेपी का मुख्य सिद्धांत बन गया है. चव्हाण और महाजन दोनों पूर्व कांग्रेस नेता हैं जो बीजेपी में शामिल हो गए थे.


बीजेपी में बढ़ रही कांग्रेस नेताओं की संख्या- सामना
सामना के संपादकीय में पार्टी ने लिखा, ''मोदी सरकार एक तरफ कांग्रेस मुक्त भारत और दूसरी तरफ शून्य विपक्षी दल की दोहरी नीति लागू कर रही है. इस नीति का नतीजा यह है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के विधायकों और सांसदों की संख्या बीजेपी में बढ़ती जा रही है. इन मंडलियों को इस भयावह हकीकत का भी एहसास नहीं है कि कांग्रेस मुक्त भारत के कोहरे में खोई बीजेपी अब कांग्रेस नीत बीजेपी बनती जा रही है.''


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