उद्धव ठाकरे गुट का राज ठाकरे पर बड़ा बयान , ‘वो तो चाहते थे फडणवीस CM बनें, जब बन गए तो…’
Maharashtra Politics: राज ठाकरे ने महाराष्ट्र चुनाव परिणामों पर संदेह व्यक्त किया, जिसको लेकर अब शिवसेना यूबीटी हमलावर हो रही है. सामना में लिखा गया है कि फडणवीस के करीबी भी अब सवाल उठा रहे हैं.

Shiv Sena UBT on Raj Thackeray: उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामना में इस बार राज ठाकरे की भूमिका पर सवाल खड़े किए गए हैं. हाल ही में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर सवाल खड़े किए और कहा कि शरद पवार को इतनी कम सीटें मिलना संभव बात नहीं लगती. इसको लेकर अब उद्धव सेना ने उन पर निशाना साधा और कथित 'ईवीएम घोटाले' का मुद्दा फिर उठाया.
सामना में लिखा गया है, "हमारे देश में चुनाव और चुनाव प्रणाली लागू करने वाली व्यवस्था लुटेरों का गिरोह बन गई है. भारतीय जनता पार्टी से खास नजदीकी रखने वाले ‘मनसे’ प्रमुख राज ठाकरे ने अचानक महाराष्ट्र चुनाव नतीजों पर संदेह व्यक्त किया है. उनकी भूमिका थी कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री बनें, लेकिन अब जब फडणवीस मुख्यमंत्री बन गए हैं तो राज ने महाराष्ट्र के समग्र नतीजों पर आपत्ति जताई है."
राज ठाकरे और प्रकाश आंबेडकर पर निशाना
उद्धव सेना ने अपने संपादकीय में राज ठाकरे पर बड़ा आरोप लगाया है. लिखा गया है, "मराठी लोगों के वोट बांटने के लिए ‘मनसे’ और दलित का वोट तोड़ने के लिए ‘वंचित’ का इस्तेमाल किया जाता है. इन दोनों की मदद से देवेंद्र फडणवीस और अमित शाह महाराष्ट्र में अपने मंसूबे को अंजाम देते हैं और ये बात छुपी हुई नहीं है. हैरानी की बात यह है कि वंचित के सर्वेसर्वा प्रकाश आंबेडकर भी चुनाव नतीजों के बाद ‘ईवीएम’ पर टूट पड़े और अब काफी दिनों तक सोचने के बाद राज ठाकरे ने भी एलान कर दिया कि ‘ईवीएम’ नतीजे सही नहीं हैं."
'वोट बांट कर जीत हासिल करने की रणनीति'
ईवीएम घोटाले का आरोप लगाते हुए सामना में लिखा गया, "राज ठाकरे कह रहे हैं कि देवेंद्र फडणवीस और उनके लोग ‘ईवीएम’ घोटाले करके ही सत्ता में आए हैं और वे सभी अवैध हैं. बीजेपी ने महाराष्ट्र की राजनीति को गंदे स्तर पर पहुंचाकर रख दिया है. इनका मुख्य ध्येय लोगों को तोड़ना और अपना (साथ बांधना) है. उनकी रणनीति जगह-जगह वोट बांटकर जीत हासिल करने की है."
संपादकीय में लिखा गया है, "राज ठाकरे का कहना है कि लोगों ने वोट तो दिए, लेकिन वो हम तक नहीं पहुंचे. यानी वोट उन्हें नहीं गए जिनका चुनाव चिह्न मतदाताओं ने ईवीएम पर दबाया. तो आखिर इन गायब वोटों का क्या हुआ? यह महाराष्ट्र के सामने एक गंभीर सवाल है. अगर राज के मन में ऐसी शंका कुलबुला रही है तो उन्हें सबसे पहले देवेंद्र फडणवीस का इस्तीफा मांगना चाहिए. बीजेपी और उसके लोग अदृश्य वोटों की हेराफेरी करके महाराष्ट्र की सत्ता में आए हैं. उन सबके सूत्रधार फडणवीस ही हैं."
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